प्रभु की लीला जिसने समझ ली उसका जीवन सफल है : पं. मुकेश शास्त्री Aligarh news
जब हम धर्म की रक्षा करते हैं तब धर्म भी हमारी रक्षा करता है। सनातन धर्म की रक्षा करना और समाज के लोगों की सेवा करना प्रत्येक प्राणी का कर्तव्य है। जो व्यक्ति प्रभु की बनाई हुई श्रृष्टी से प्रेम करता है प्रभु भी उस जीव से प्रेम करते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन : जब हम धर्म की रक्षा करते हैं तब धर्म भी हमारी रक्षा करता है। सनातन धर्म की रक्षा करना और समाज के लोगों की सेवा करना प्रत्येक प्राणी का कर्तव्य है। जो व्यक्ति प्रभु की बनाई हुई श्रृष्टी से प्रेम करता है प्रभु भी उस जीव से प्रेम करते हैं। जिसने प्रभु की लीला समझ ली उसका जीवन सफल है। उक्त प्रवचन इगलास क्षेत्र के गांव नगला बलराम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पं. मुकेश शास्त्री महाराज ने कहे।
श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन सुनाया
उन्होंने आगे भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन करते हुए गोवर्धन लीला सुनाई। उन्होंने बताया कि सत्ता के मद में चूर इंद्र को घमंड हो गया था। घमंड चूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने बृज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कराकर गोवर्धन पर्वत की पूजा प्रारंभ करा दी। गुस्साए इंद्र ने सात दिनों तक भारी वर्षा कर प्रलय मचाई। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी उगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर बृजवासियों की रक्षा की। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की झांकी सजाई गई। गीतों पर पंडाल में उपस्थित महिलाएं अपने आपको थिरकने से नहीं रोक पाई और प्रभु भक्ति में जमकर झूमी। कथा विश्राम के बाद प्रसाद वितरण किया गया।