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टिड्डियों का मथुरा की ओर से अलीगढ़ में हो सकता है हमला, अधिकारी व किसान अलर्ट

अलीगढ़ में विशेष सतर्कता बरती जा र ही है। अलीगढ़ में अलर्ट कर दिया गया है।खास बात यह है कि अलीगढ़ की सीमा मथुरा जिले से लगी हुई है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 02:01 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 02:01 PM (IST)
टिड्डियों  का मथुरा की ओर से अलीगढ़ में  हो सकता है हमला, अधिकारी व किसान अलर्ट
टिड्डियों का मथुरा की ओर से अलीगढ़ में हो सकता है हमला, अधिकारी व किसान अलर्ट

अलीगढ़ जेएनएन: टिड़डी दल द्धारा जनपद हाथरस में अटैक करने के बाद अब अलीगढ़ में बेहद सतर्कता बरती जा रही है। हालांक टिड़डयों को हाथरस से मथुरा सीमा में किसानों ने खदेड़ दिया है, लेकिन इसके हाथरस के साथ साथ अलीगढ़ में  दोबारा अटैक करने की संभावना है। इसको लेकर अलीगढ़ में विशेष सतर्कता बरती जा र ही है। अलीगढ़ में अलर्ट कर दिया गया है।खास बात यह है कि अलीगढ़ की सीमा मथुरा जिले से लगी हुई है। इसको लेकर तहसील इगलास, बेसवा आदि जगहों पर अधिकारी सर्तक हैं। किसानाेें ने भी खदेड़ने के लिए इंतजाम कर लिए हैं।   

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हाथरस में भी सतर्कता

मथुरा के सोनई  के रास्‍ते हाथरस में आयेे टिड़डी दल को किसानों ने मशक्‍त के बाद वापस मथुरा की सीमा में ही भेज दिया। शनिवार की शाम जनपद में टिड्डी दल ने फिर प्रवेश किया। दल मथुरा के सोनई कस्बे की ओर से आया। इसकी जानकारी होते हुए विभागीय अधिकारियों ने कर्मचारियों को अलर्ट करते हुए जिले की सीमा पर भेज दिया। किसानों द्वारा बर्तन बजाकर व धुआं कर इस दल को मथुरा की ओर खदेड़ दिया, लेकिन अभी दल के लौटने की संभावना बनी हुई है। इसके चलते विभाग व किसान सचेत हैं। 

पहले भी बोला था हमला

इससे पहले टिड्डियों के दो दलों ने अलग-अलग फसलों पर हमला बोल दिया था। आठ से दस किलोमीटर के दायरे में फैली अनगिनत टिड्डियां फसल और पेड़ पौधों को खाते हुए आगे बढ़ रही है। गांव छोड़कर किसान अपने परिवार के साथ तेज ध्वनि कर टिड्डी दलों को को भगाने की कोशिश की। दूसरे दल ने हाथरस जिले की सादाबाद तहसील की ओर से बलदेव विकास खंड सीमा की तरफ से हमला बोला था टिड्डी के दोनों दल करीब एक ही समय पर जिले प्रवेश किया। गांव रैपुराजाट, पिपरौठ ठाकुरान, बरौदा, करनपुर, होते हुए आगे बढ़ा था। किसानाेें ने टिड्डी दल आते देखे तो वह अपनी फसलों के बचाव के लिए परिवार के साथ खेतों की तरफ दौड़ पड़े। टिड्डी दल को भगाने के लिए धमाके किए गए। ढोल, बर्तन और ट्रैक्टर पर लाउडस्पीकर लगाकर तेज आवाज करने में लग गए। करीब डेढ़ घंटे में एक-एक गांव के ऊपर होकर गुजरी। 


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