अलीगढ़ में सब्जियों की स्थानीय आवक से घटीं कीमतें, नीबू व टमाटर जस की तस
स्थानीय किसानों के खेतों से सब्जियां मंडियों में पहुंचने लगी हैं। इससे न सिर्फ सब्जियों पर छाए महंगाई के बादल छंट गए बल्कि स्वाद भी बदल गया है। अब तक अन्य प्रांतों से सब्जियों की आवक हो रही थी। कीमतें अधिक थीं।
अलीगढ़, जेएनएन। स्थानीय किसानों के खेतों से सब्जियां मंडियों में पहुंचने लगी हैं। इससे न सिर्फ सब्जियों पर छाए महंगाई के बादल छंट गए, बल्कि स्वाद भी बदल गया है। अब तक अन्य प्रांतों से सब्जियों की आवक हो रही थी। कीमतें अधिक थीं। आलू के भाव 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए थे, जो अब 12 रुपये प्रति किलो हैं। हरी सब्जियों की कीमतें भी घट गई हैं। नीबू और टमाटर के भाव कम नहीं हुए।
यह हैंं सब्जियों के भाव
अलीगढ़ में राजस्थान, कोलकाता, दिल्ली आदि से सब्जियां आती हैैं, जो मंहगी मिलती हैं। मार्च-अप्रैल में स्थानीय किसान मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति करा देते हैं। यही वजह है कि बाहर से आने वाली सब्जियों की अपेक्षा यहां उगाई जा रहीं सब्जियों की कीमतें कम रहती हैं। कोलकाता से आने वाला करेला 100 रुपये प्रति किलो बिका था। यहां उगाया गया करेला 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। तोरई की कीमत भी 60 से 40 रुपये प्रति किलो हो गई है। भिंडी की कीमत 80 रुपये किलो थी, जो अब 60 रुपये प्रति किलो है। ये सब्जियां भी कोलकाता से मंडियों में पहुंची थीं। राजस्थान का टिंडा 80 रुपये प्रति किलो बिका, जबकि लोकल ङ्क्षटडा 60 रुपये किलो है। नीबू की कीमत बढ़ी है। नीबू 160 रुपये प्रति किलो है, एक माह पूर्व 120 रुपये प्रति किलो बिका था। टमाटर का भाव 20 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। पहले 10 रुपये प्रति किलो तक बिका था। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि बाहर से सब्जियों की आवक बंद हो चुकी है। लोकल सब्जियां ही मंडियों में हैं, इसलिए सस्ती हैं।
सब्जियों की कीमत
सब्जी, अब, पहले
आलू, 12, 30
लौकी, 10, 20
प्याज, 20, 40
गाजर, 30, 35
काशीफल, 20, 25
टिंडा, 60, 80
करेला, 40, 100
अरबी, 60, 70
गाजर, 25, 30
तोरई, 40, 60
शिमला मिर्च, 50, 60
(रेट प्रति किलो रुपये में)