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राजधानी तक पकड़ होने से बच निकलते रहे शराब माफिया Aligarh News

जहरीली शराब कांड के आरोपित माफिया की लखनऊ तक गहरी पैठ थी। इसके चलते ये कार्रवाई के शिकंजे से बच निकलते थे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी जांच में पुलिस इनके नाम निकाल दिया करती थी। इसके बाद ये नकली शराब के धंधे में लिप्त हो जाया करते थे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 05:52 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 01:05 PM (IST)
राजधानी तक पकड़ होने से बच निकलते रहे शराब माफिया Aligarh News
जहरीली शराब कांड के आरोपित माफिया की लखनऊ तक गहरी पैठ थी।

अलीगढ़, जेएनएन ।  जहरीली शराब कांड के आरोपित माफिया की लखनऊ तक गहरी पैठ थी। इसके चलते ये कार्रवाई के शिकंजे से बच निकलते थे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी जांच में पुलिस इनके नाम निकाल दिया करती थी। इसके बाद फिर ये नकली शराब के धंधे में लिप्त हो जाया करते थे। जबकि इनकी दुकानों से नकली शराब पकड़ी जाती थी, शराब की अवैध फैक्ट्री भी मिली है, मगर कभी ये सलाखों के पीछे नहीं गए। जिले में आधा दर्जन के करीब ऐसे मामले हैं, जिनमें आबकारी विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराई और जांच में पुलिस ने उनके नाम निकाल दिए।

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50 हजार का इनामी है पुराना खिलाड़ी

50 हजार के इनामी ऋषि शर्मा पर शराब के कारोबार में पुराना खिलाड़ी रहा है। वर्ष 2014 में साथा के पास देसी शराब की दुकान थी। इसी वर्ष 24 अगस्त को आबकारी विभाग की टीम ने छापेमारी की। यहां से नकली शराब की 152 पेटी बरामद हुई। यहां हरियाणा से तस्करी कर ले आई बीयर की 18 पेटी मिली। इसमें 432 बीयर की केन थी। इसमें ऋषि शर्मा के खिलाफ आबकारी विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मगर, पुलिस जांच में ऋषि का नाम निकाल दिया गया। आबकारी विभाग को इस बारे में पता भी नहीं चला। जानकारी होने पर आबकारी विभाग ने फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 2012 अक्टूबर में आबकारी विभाग ने जवां में अवैध शराब बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी। इसमें स्प्रिड, मिथाइल, केमिकल, यूरिया आदि घातक पदार्थ मिले थे। शराब की पैकिंग आदि के लिए बोतलें, ढक्कन, लेबल आदि तमाम सामग्री भी मिली थी। आबकारी विभाग ने इसमें इरफान, शिव सिंह, शिवा, ऋषि शर्म और मुनीश शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, इस मामले में भी ऋषि और मुनीश का नाम पुलिस जांच में निकाल दिया गया।

विपिन पर पहले भी हुई है कार्रवाई

पुलिस की गिरफ्त में आए विपिन यादव के खिलाफ पहले भी कार्रवाई हुई है। 2017 में इनके ठिकाने से 52 पेटी नकली शराब बरामद की थी। इसमें भी आबकारी विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विपिन के खिलाफ इगलास थाने में भी रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। यहां सरस्वती विद्या मंदिर के पास एक स्थान पर अवैध शराब बनाई जाती थी। इसमें स्प्रिड, केमिकल, बोतल, ढक्कन आदि बरामद हुआ था।

ये दोनों भी बचते रहे"

अनिल और सुधीर का भी सत्ता और रसूखदारों से गठजोड़ रहा है। इसलिए ये दोनों जोड़ी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी जांच में अपने नाम निकलवा लिया करते थे। अनिल और सुधीर के खिलाफ इगलास में मुकदमा दर्ज था। मगर, इन दोनों ने पुलिस से सांठगांठ करके नाम निकलवा दिए थे।

यहां भी नाम निकाल दिया गया

20 अगस्त 2020 में खैर-गौंडा रोड पर पुलिस ने एक गाड़ी पकड़ी थी। उसमें ड्रम में कच्ची शराब, ढक्कन, खाली बोतल, लेबल आदि थे। इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें दुकानदार दिनेश अग्रवाल के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। दिनेश पर आरोप था कि वह सामान उपलब्ध कराते हैं। वह एक महीने फरार भी रहे। इसके बाद जांच में इनका नाम भी निकाल दिया गया था।


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