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कक्षाओं में कम अब लाइब्रेरी में पूरी होगी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई, जानिए कैसे Aligarh News

कोरोना काल में तमाम व्यवस्थाएं बदल भी गई हैं। कोरोना काल में स्कूल बंद होने से जब विद्यार्थियों की पढ़ाई अटकी तो अब कोरोना संक्रमण से राहत मिलने पर जब स्कूलों को खोला गया है तो उनके पढ़ाई पूरी करने की व्यवस्था भी नए तरीके से की गई है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 09:06 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 09:06 AM (IST)
कक्षाओं में कम अब लाइब्रेरी में पूरी होगी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई, जानिए कैसे Aligarh News
कार्टून के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई में जुटेंगे।

अलीगढ़, जेएनएन। आमतौर पर बच्चे जब स्कूल पढ़ने जाते हैं तो वो अपनी-अपनी कक्षाओं में पढ़ने जाते हैं। मगर कोरोना काल में तमाम व्यवस्थाएं बदल भी गई हैं। कोरोना काल में स्कूल बंद होने से जब विद्यार्थियों की पढ़ाई अटकी तो अब कोरोना संक्रमण से राहत मिलने पर जब स्कूलों को खोला गया है तो उनके पढ़ाई पूरी करने की व्यवस्था भी नए तरीके से की गई है। इसके चलते काफी हद तक लाजिमी है कि उनके पढ़ाई करने के स्थान में भी बदलाव हो जाए। स्थान के साथ ही पढ़ाई करने के बिंदु व विषय भी बदले-बदले होंगे।

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कोराना वायरस के बारे में पढ़ने का मौका मिलेगा

कोविड-19 दौर ने कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की पढ़ाई पर ब्रेक लगाया। इन कक्षाओं के बच्चे इतनी कम उम्र के होते हैं कि इस महामारी के बारे में वो ठीक से समझते भी नहीं हैं। अब छूटी हुई पढ़ाई को पूरा कराने के साथ महामारी के बारे में जानकारी कराना और इस वायरस के साथ विभिन्न वायरस के बारे में जानकारी देना व उससे बचाव के तरीके बच्चों को बताना भी शिक्षक-शिक्षिकाओं के कंधों पर ही होनी है। इसलिए नई व्यवस्था भी शासनस्तर से तैयार कर दी गई। अब कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को कोरोना वायरस के साथ तमाम अन्य वायरस के बारे में पढ़ने का मौका मिलेगा। यह गतिविधि स्कूल की कक्षा में नहीं बल्कि स्कूल में बनाई गई लाइब्रेरी में पूरी होगी। दरअसल, शासन की ओर से बच्चों के लिए 300 तरह की किताबें स्कूलों में भेजी गई हैं। इनमें कोरोना वायरस के अलावा अन्य वायरस से होने वाली छिटपुट बीमारियों व उनसे बचने के तरीकों के बारे में बताया गया है। लाइब्रेरी में रखी जाने वाली इन किताबों को बच्चे खेल-खेल में ही कभी भी पढ़ सकते हैं। 300 तरह की किताबें तो पहली खेप में भेजी गई हैं। इसके अलावा अभी और भी किताबें आनी बाकी हैं। इनमें पढ़ाई से संबंधित विषय सामग्री भी शामिल की गई है। विभिन्न कार्टून के माध्यम से बच्चे दिलचस्पी से विषयों को तैयार कर सकेंगे। हर विद्यालय में लाइब्रेरी की स्थापना करना पहले से ही अनिवार्य किया जा चुका है।

 बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई में जुटेंगे

बीएसए डा.लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि हर विद्यालय में लाइब्रेरी की स्थापना कराना सुनिश्चित किया गया है। इन लाइब्रेरी में विभिन्न किताबें रखी जाएंगी। इनमें कोरोना वायरस व अन्य वायरस के बारे में जानकारी काफी रोचक तरीकों से दी गई है। कार्टून के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई में जुटेंगे।


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