अलीगढ़ में तेंदुए की दस्तक से दहशत में जान, वन विभाग के अफसर भी हैरान
बरौली की ईदगाह के निकट भले ही मृतक तेंदुआ मिला हो लेकिन लोगों में इसके नाम से ही दहशत का माहौल है। पहली बार जिले में किसी तेंदुआ मिलने से वन विभाग के अफसर भी हैरान हैं। यह कहां से जिले में आ गया।
अलीगढ़, जेएनएन। बरौली की ईदगाह के निकट भले ही मृतक तेंदुआ मिला हो, लेकिन लोगों में इसके नाम से ही दहशत का माहौल है। पहली बार जिले में किसी तेंदुआ मिलने से वन विभाग के अफसर भी हैरान हैं। यह कहां से जिले में आ गया। वहीं लोगों में डर है कि इसी के साथ भटकते हुए अन्य तेंदुएं भी यहीं कहीं आसपास छिपे तो नहीं हैं। इसी को लेकर वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। मृतक तेंदुओं के पद चिन्हों को देखा जा रहा है। इससे यह पड़ताल की जाएगी कि यह किस तरफ से यहां आया है।
मादा तेंदुआ के होने की भी चर्चाएं तेज
ईदगाह के पास मृत मिले तेंदुए की मौत को लेकर तरह तरह की चर्चा है। कुछ लोगों का कहना है कि यह कई दिन पहले ही करंट की चपेट में आने से मर गया है। हालांकि, देखने से घाव ज्यादा पुराना नहीं लगता है। नर के साथ मादा तेंदुआ के होने की भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, इसका कोई प्रमाण नहीं है।
तीन से चार साल है उम्र
वन विभाग के अफसरों के मुताबिक यह नर तेंदुआ है, जो भटकता हुआ यहां आया है। आम तौर पर यह जंगलों में पाए जाते हैं, लेकिन अब जंगलों में संख्या बढ़ने लगी हैं। ऐसे में तेंदुओं ने बाहर निकलना शुरू कर दिया है। जो तेंदुआ मृतक मिला है,उसकी उम्र तीन से चार साल के बीच में हैं। वन विभाग के अफसरों का मामना है कि तेंदुआ जंगलों में पाए जाते हैं, लेकिन यह तेंदुआ भटकता हुआ यहां आ गया होगा। हालांकि, इसके साथ अन्य तेंदुएं होंगे या नहीं होंगे, इसकी कभी कोई पुष्टि नहीं है। फिर भी एहतियात के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है। क्षेत्र में वन विभाग की टीम तैनात कर दी गई है। ग्रामीण भी सावधानी बरतें।
बरेली में होगा पास्टमार्टम
वन विभाग के एसडीओ सतीश कुमार ने बताया तेंदुया जंगल में ही निवास करते हैं। निश्चित तौर पर यह भटकता हुआ ही यहां तक पहुंचा है। प्रथम द्रष्टया इसकी मौत करंट लगने से ही लग रही हैं, लेकिन पोस्टमार्टम में समय व कारण स्प्टष्ट हो जाएगा। आला अफसरों को पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी गई है। वन विभाग ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। बरेली के वेटनरी मेडिकल कॉलेज में इसका पोस्टमार्टम होगा
ईदगाह के निकट ही तेंदुआ मिला है। ईदगाह पर दिन भर बच्चे खेलते है, अगर तेंदुआ आबादी की तरफ आ जाता तो मुश्किलें बढ़ सकती थीं।
राजकुमार भारद्धाज, स्थानीय निवासी
तेंदुआ मर चुका है, लेकिन फिरभी लोगों डर का माहौल है। भय है कि कहीं इस तेंदुए के साथ मादा भी न हो। इससे क्षेत्रीय लोगों के लिए दिक्क्तें बढ़ सकती हैं।
अशोक कुमार दिवाकर, स्थानीय निवासी