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सीएम योगी के ‘बुलडोजर’ को अलीगढ़ में चुनौती दे रहे भूमाफिया, अफसरों के जाते ही फिर कब्‍जा

यूपी के अलीगढ़ में ‘बुलडोजर बाबा’ के नाम से विख्यात हो चुके सीएम योगी आदित्यनाथ के जमीन कब्जा मुक्त अभियान को अलीगढ़ में भूमाफिया खुली चुनौती दे रहे हैं। धौर्रामाफी में कोल तहसील प्रशासन द्वारा कब्जा मुक्त कराई गई 20 करोड़ की जमीन पर दोबारा से कब्जा हो गया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 12:41 PM (IST)
तहसील की टीम ने इस सभी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया।

अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। विधानसभा चुनाव के दौरान ‘बुलडोजर बाबा’ के नाम से विख्यात हो चुके सीएम योगी आदित्यनाथ के जमीन कब्जा मुक्त अभियान को अलीगढ़ में भूमाफिया खुली चुनौती दे रहे हैं। चार अप्रैल को धौर्रामाफी में कोल तहसील प्रशासन द्वारा कब्जा मुक्त कराई गई 20 करोड़ की जमीन पर कुछ भूमाफिया ने दोबारा से कब्जा शुरू कर दिया है। ढहाई गईं दीवारों को फिर से खड़ा किया जा रहा है। ध्वस्त फ्लैट भी अंदर से दुरुस्त किए जा रहे हैं। इसके बाद भी अब जिम्मेदार अफसर आंखे मूंदे बैठे हैं।

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यह है मौजूदा हाल

कोल तहसील की टीम ने चार अप्रैल को धौर्रामाफी में जमीन कब्जा मुक्त अभियान चलाया था। अफसरों का दावा था कि यहां के एक गाटा नंबर में रकबा 1.826 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के नाम दर्ज है, लेकिन कुछ प्रापर्टी डीलरों ने इस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। बिना दस्तावेज ही इस सरकारी जमीन पर फ्लैट बना लिए गए हैं।पूरे परिसर में थ्री बीएचके के सात फ्लैट अवैध रूप से बनाए गए हैं।तहसील की टीम ने इस सभी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर के कर्मचारी इस कार्रवाई में शामिल थे। इस जमीन की कीमत करीब 20 करोड़ आंकी गई थी।

दोबारा से शुरू हुआ कब्जा

प्रशासन ने कार्रवाई के बाद जमीन को ऐसे ही छोड़ दिया।अब चार-पांच दिन पहले से फिर से कब्जा शुरू कर दिया है। ध्वस्त दीवारों को नए सिरे से खड़ा किया जा रहा है। बुधवार को भी यहां पर चार-पांच मजदूर काम कर रहे थे।तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है।वहीं, प्रशासनिक अफसर इस प्रकरण में चुप्पी साधे हुए हैं। अवैध कब्जा रोकने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को भी इस अवैध निर्माण की भनक तक नहीं है।इसी के चलते भूमाफिया के हौंसले बुलंद हैं।

55 से 60 लाख है एक फ्लैट की कीमत

कब्जेदार बिल्डर ने यहां पर थ्री बीएचके के सात डुप्लेक्स फ्लैट तैयार किए थे।एक फ्लैट की कीमत 55 से 60 लाख रुपये निर्धारित कर रखी है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद फ्लैट तैयार हो गए थे, लेकिन इससे पहले ही तहसील की टीम ने इन्हें ध्वस्त कर दिया। अब बिल्डर कुछ जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत से दोबारा से बेचने की तैयारी कर रहा है। इसलिए इन्हें दुरुस्त कराया जा रहा है।

जांच कराएंगे मंडलायुक्त

मंडलायुक्त गौरव दयाल का कहना है कि सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करने के लिए सरकार बेहद संवेदनशील है। अगर ऐसा कोई मामला है तो इसकी जांच कराई जाएगी। तत्काल जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाएगा।इसके साथ ही संबंधित कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी।सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने का अभियान निरंतर चलता रहेगा।

चार अप्रैल को कोल तहसील की राजस्व टीम ने इस जमीन को कब्जा मुक्त कराया था। अब जल्द ही दोबारा से कार्रवाई करके जमीन कब्जा मुक्त कराई जाएगी। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कतई बर्दाश्त नहीं होंगे।

डा. गजेंद्र पाल सिंह, कोल तहसीलदार


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