Smart City Scheme : अलीगढ़ में संसाधनों की कमी बन रही सुरक्षित यातायात में बाधा, होमगार्ड संभाल रहे व्यवस्था
स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम ने सिग्नल प्रणाली शुरू कर दी है। इससे नियमों को तोडऩे वालों के ई-चालान काटे जा रहे हैं और उनसे जुर्माना भी वसूलना शुरू कर दिया है।
अलीगढ़, जेएनएन। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम ने सिग्नल प्रणाली शुरू कर दी है। इससे नियमों को तोडऩे वालों के ई-चालान काटे जा रहे हैं और उनसे जुर्माना भी वसूलना शुरू कर दिया है। इससे बाद भी न तो शहर की सड़कों में हो रहे गड्ढों की किसी को फिक्र है, न सड़कों व फुटपाथ पर बेतरतीब खड़े रहने वाले टेंपो, ई-रिक्शा, ठेल-ढकेलों की। सुरक्षित यातायात में संसाधनों की कमी जहां बाधा बन रही है, वहीं प्रशासनिक अफसरों में इच्छाशक्ति की कमी भी दिख रही है।
सड़कों पर अतिक्रमण
शहरभर में अधिकांश सड़कें पार्किंग के अभाव में अतिक्रमण की चपेट में हैं। वाहन चालकों का गलत साइड पर चलना व सावधानी सूचक पट्टिकाओं का न होना भी गंभीर समस्या है। शहर में लगातार वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है और सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ रहा है। सारसौल चौराहे पर लाल-पीली व हरी बत्तियों के लगने व ऑटोमैटिक ट्रैफिक संचालित होने के बाद भी जाम लगा रहता है। कोल तहसील के बाहर तो सड़क पर बाकायदा वाहन पार्किंग स्टैंड बना हुआ है, जिससे जाम लगा रहता है। शहर के प्रमुख बाजार रेलवे रोड, महावीरगंज, बारहद्वारी, सेंटर प्वॉइंट, रामघाट रोड, क्वार्सी चौराहा, एटा चुंगी चौराहा, धनीपुर मंडी, नौरंगाबाद पुल, मदारगेट, सासनीगेट चौराहा के पास सड़कों पर अतिक्रमण व वाहनों के खड़े रहने से जाम की स्थिति रहती है।
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की कमी, होमगार्ड संभाल रहे व्यवस्था
शहर में जनसंख्या बढ़ रही है, लेकिन उसके सापेक्ष ट्रैफिक पुलिसकर्मी व आधुनिक संसाधनों का अभाव है। पर्याप्त ट्रैफिक पुलिसकर्मी न होने से होमगार्ड के जरिये ही ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा रहा है। पिछले एक साल में कुछ स्टाफ व संसाधनों में वृद्धि हुई है, लेकिन वह शहर की भौगोलिक स्थितियों के अनुपात में नाकाफी है।
बदले पार्किंग की सूरत : शहर में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। सुबह से लेकर देर रात तक पूरा शहर जाम की समस्या से ही जूझता रहता है। यही हाल चौराहों का है। एडीए ने क्वार्सी व एटा चुंगी चौराहे के सुंदरीकरण व चौड़ीकरण की योजना तैयार की थी, जो आज तक परवान नहीं चढ़ी।
जुगाड़ से डीएल, फिर सीख रहे वाहन चलाना
ट्रैफिक नियमों के पालन में हल्की सी भी लापरवाही भारी पड़ रही है। ट्रैफिक पुलिस की सख्ती के बाद अब वाहन चालक ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ का रुख कर रहे हैं। यहां लंबी-लंबी लाइनें लगी देखी जा सकती हैं। वाहन चालकों की मजबूरी का दफ्तर के बाहर बैठे दलाल फायदा उठा रहे हैं और जुगाड़ से लाइसेंस बनवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। कुछ लोग तो वाहन चलाने से पहले ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस बनवा रहे हैं और फिर वाहन चलाना सीख रहे हैं। शासन ने आम आदमी को दिक्कतों व दलालों से बचाने के लिए ऑनलाइन फीस, टेस्ट, बायोमैट्रिक व स्मार्ट लाइसेंस देेने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके बाद भी बिना दलालों व जुगाड़ के यहां किसी की दाल नहीं गल रही है।
डीएल बनवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। आरटीओ आने वाले आवेदकों को बिना टेस्ट पास किए लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं। आवेदकऑनलाइन आवेदन करें और दलालों के चक्कर में न पड़े।
केडी सिंह गौर, आरटीओ
यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए पूरे शहर में ट्रैफिक सिग्नल के सहारे यातायात को कंट्रोल किया जा रहा है। नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई की जा रही है। अतिक्रमण को हटवाने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
सतीश चंद्र, एसपी ट्रैफिक
शहर में सबसे बड़ी समस्या जाम है। इससे निपटने के लिए प्रशासन को ठोस योजना बनानी चाहिए।
श्रीकांत द्विवेदी, किशनपुर
जागरूकता व पुलिस की सख्ती से ही जाम की समस्या से निजात मिल सकती है। प्रशासन को सख्ती करनी चाहिए।
पंकज कुमार, जनकपुरी