Hockey Player : संघर्ष के आकाश में चमकी सफलता की ''किरन'' Aligarh News
किरन पढ़ाई में भी पीछे नहीं हैं। हाईस्कूल प्रथम श्रेणी से पास कर बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई भी कर रही हैं। कासिमपुर में आज भी वे सुबह 7.30 से 9.00 बजे तक ठेले पर सब्जी बेचती हैं। आस-पड़ोस के लोग भी पूछ बैठते हैं।
अलीगढ़, गौरव दुबे। किसान व मजदूर की बेटियों के संघर्ष करते हुए आगे बढ़ने की बातें आमतौर पर सुनने में आती हैं मगर खुद सब्जी का ठेला लगाकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर चमकें ऐसे कारनामे कम ही सुनने में आते हैं। न्यू कॉलाेनी कासिमपुर निवासी हॉकी व एथलेटिक्स खिलाड़ी 17 वर्षीय किरन ने ऐसा ही कारनामा किया है। बतौर हॉकी टीम की कप्तान व सेंटर फाॅरवर्ड खिलाड़ी किरन ने नेशनल के लिए चयनित हुईं लेकिन, प्रतियोगिता स्थगित हो गई। हॉकी में कोच व प्रशिक्षण की कमी के चलते अब वे पांच किलोमीटर व 10 किलोमीटर रेस में स्टेट तक खेलकर पदक जीत चुकी हैं। किरन पढ़ाई में भी पीछे नहीं हैं। हाईस्कूल प्रथम श्रेणी से पास कर बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई भी कर रही हैं। कासिमपुर में आज भी वे सुबह 7.30 से 9.00 बजे तक ठेले पर सब्जी बेचती हैं। आस-पड़ोस के लोग भी पूछ बैठते हैं बेटा आपका खेल कैसा चल रहा है?
तीन महीने में खरीद पाईं हॉकी स्टिक
किरन ने बताया कि, 2020 में तीन महीने तक 100-100 रुपये जोड़कर वे हॉकी स्टिक खरीद सकीं। प्रशिक्षण के लिए टीआर कॉलेज में हॉकी स्टिक मिलती थी, उसी से खेलती थीं। पिछले साल उनके पास खुद की हॉकी स्टिक आई है।
हॉकी में बनीं कप्तान
किरन बताती हैं कि आठवीं कक्षा से हॉकी सीखना शुरू किया। हाईस्कूल में पहली स्टेट चैंपियनशिप बताैर सेंटर फॉरवर्ड खेलीं। टीम को चौथा स्थान मिला। 2017 में दूसरा स्टेट टूर्नामेंट खेला, कप्तान बनीं। टीम को तीसरा स्थान व कांस्य पदक मिला। 2019 में औरंगाबाद नेशनल में चयन हुआ लेकिन टूर्नामेंट स्थगित हो गया। कोच व प्रशिक्षण की कमी के चलते एथलेटिक्स सीखना शुरू किया।
एथलेटिक्स में भी कमाल
2017 में किरन ने कॉलेज में ही दौड़ना शुरू किया। स्टेडियम में पांच व 10 किलोमीटर दौड़ में उनकी मदद शमशाद निसार सर ने की। 2018 में हाथरस में मंडलीय चैंपियनशिप में पांच किलोमीटर में कांस्य पदक जीता। 2019 में मंडलीय टूर्नामेंट में रजत पदक और 2020 में स्टेट गंगा हाफ मैराथन में 29वां स्थान हासिल किया।
सुबह चार बजे से शुरुआत
किरन सुबह चार बजे उठकर रनिंग करती हैं। छह बजे घर आकर मां की मदद करती हैं। साढ़े सात बजे दुकान वो ही खोलती हैं। नौ बजे तक ब्रिकी कर कॉलेज जाती हैं। तब पिता खान सिंह सब्जी बेचते हैं। चार बजे आकर रनिंग की प्रैक्टिस करने के बाद घर के काम व नौ से 10 दुकान पर बैठती हैं। 11 से 11.30 बजे तक खाना खाकर सो जाती हैं।
किरन एथलेटिक्स में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। सब्जी भी बेचती हैं व प्रैक्टिस भी करती हैं। ये उनकी लगन को दर्शाता है। वो जिस स्तर तक खेलें मुफ्त प्रशिक्षण व मदद दिलाई जाएगी।
शमशाद निसार आजमी, संयुक्त सचिव, यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन