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Aligarh Exhibition : फैशन में आई खादी...शर्ट ने मचाई धूम Aligarh News

खादी फैशन में आ गई है। आधुनिकता के साथ ही डिजाइन और मुलायमदार खादी खासकर युवाओं को खूब लुभा रही है। खादी में तो अब पैंट-शर्ट भी खूब पसंद किया जा रहा है। अब हर उम्र के लोग खादी के कपड़े पसंद कर रहे हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 05:00 PM (IST)
Aligarh Exhibition : फैशन में आई खादी...शर्ट ने मचाई धूम  Aligarh News
कभी अब हर उम्र के लोग खादी के कपड़े पसंद कर रहे हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कभी खादी के कपड़े सिर्फ नेताओं और समाजसेवियों के लिए हुआ करते थे। मोटे और चुभनदार ये कपड़े लोग पहनना नहीं पसंद करते थे। मगर, अब वो दिन लद गए। खादी फैशन में आ गई है। आधुनिकता के साथ ही डिजाइन और मुलायमदार खादी खासकर युवाओं को खूब लुभा रही है। खादी में तो अब पैंट-शर्ट भी खूब पसंद किया जा रहा है। कभी बुजुर्ग खादी को अधिक पसंद करते थे, मगर अब हर उम्र के लोग खादी के कपड़े पसंद कर रहे हैं। 

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नुमाइश में हर बार खादी आश्रम की स्टाल 

नुमाइश में हर बार खादी आश्रम की स्टाल लगती है। उसमें तकिए और रजाई का लिहाफ, बेटशीट, तौलिए आदि होते थे। कुर्ते के कपड़े भी मिलते थे। मगर, वह कपड़े मोटे और चुभनदार होते थे। इसलिए लोग पसंद नहीं किया करते थे। इस बार नुमाइश में कृष्णांजलि के निकट लगे खादी आश्रम के स्टाल पर तमाम वैरायटियां हैं। ऐसा लगता ही नहीं है कि यह खादी आश्रम की स्टाल है। फैशनेबल शर्ट युवाओं को खासी लुभा रही है। शर्ट पूरी तरह से खादी की बनी हुई है। उसका कपड़ा इतना मुलायम और महीने है मालूम ही नहीं लगता है कि खादी का है। पहने में भी वह सुकून देता है। इसलिए युवा उसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं। इसके अलावा कोटी भी खूब पसंद की जा रही है। 

पैंट-शर्ट भी मौजूद  

खादी आश्रम में अधिकांश धोती और कुर्ता मिला करता था। पहली बार पैंट और शर्ट उतारा गया है। शर्ट के तमाम कलर हैं। हालांकि, पैंट का सफेद ही रंग है। उसे पैजामे की तरह बनाया गया है, जो पैंट के प्रयोग में आता है। दोनों तरफ जेब है। जिससे पर्स और मोबाइल आदि रखने में आसानी होती है। इसके अलावा शर्ट के कपड़ों के थान भी हैं, जिसमें मनचाहा रंग पसंद कर सकते हैं। 

साड़ियों की भी भरमार 

इस बार स्टाल पर साड़ियों की भी भरमार हैं। हालांकि, यह साड़ियां अलीगढ़ में तो नहीं बनती हैं, मगर उन्हें कोलकता, बनारस आदि खादी आश्रमों से मंगाया जाता है। रेशम और सोती की साड़ियां होती हैं। ओम प्रकाश बताते हैं कि महिलाएं खादी की साड़ियां खूब पसंद कर रही हैं। इसके अलावा कश्मीरी शाल, दरी, चादर, लिहाफ, तौलिए आदि भी हैं। इनकी भी अच्छी बिक्री हो रही है। सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। 

पुराना फैशन लौट रहा है  

खादी आश्रम पर खरीदारी करने आए कुनाल देव ने कहा कि अब पुराना फैशन लौट रहा है। इसलिए खादी खूब पसंद की जा रही है। वह बताते हैं कि खादी आश्रम की शर्ट एकदम रेडीमेट लगती है। कई कलर में उपलब्ध है। एकदम मुलायम होने के चलते उसे पहनने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। धुलाई भी बहुत आसानी से हो जाती है। उन्होंने बताया कि खादी के पैंट-शर्ट भी कई डिजाइन में हैं, जो खूब भा रहे हैं। वहीं, जाकेट और कुर्तें भी डिजाइनदार हैं।

मिलना चाहिए प्रोत्साहन 

असिस्टेंट प्रोफेसर ललित उपाध्याय का कहना है कि खादी को बढ़ावा मिलना चाहिए। इससे गांव में सूत कातने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। कभी गांव-गांव में महिलाएं सूत कातती थीं। मगर, फैशन के आगे धीरे-धीरे खादी का क्रेज कम होता चला गया और सूत कातना बंद हो गया। ललित ने कहा कि अच्छी बात है कि अब फिर से खादी की बहार आ रही है।


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