ढाबों पर भी जाने से बच रहे एएमयू में पढ़ रहे कश्मीरी छात्र
एएमयू इंतजामिया की एडवाइजरी का कश्मीरी छात्रों में असर दिखने लगा है। छात्र अब कैंपस से बाहर नहीं जा रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। एएमयू इंतजामिया की एडवाइजरी का कश्मीरी छात्रों में असर दिखने लगा है। छात्र कैंपस से बाहर ढाबों तक जाने से भी कतरा रहे हैं। परिसर में समूह के साथ निकल रहे हैं।
कश्मीरी छात्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने से बदला माहौल
आतंकी हमले के बाद से देशभर में आक्रोश है। सभी की जुबान पर एक ही बात है कि पाकिस्तान से बदला लिया जाए। इस घटना के बाद एएमयू उस समय और सुर्खियों में आ गया, जब यहां पढ़ रहे कश्मीर के बिरबा के वार्ड-दो इकबाल आबाद निवासी वासिम हिलाल पुत्र हिलाल अहमद के ट्विटर हैंडल से अलीगढ़ पुलिस के ट्विटर हैंडल पर 'हाउ इज जैश, ग्रेट सर' लिखा था। उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। हमले के बाद बने हालात को देखते हुए ही एएमयू इंतजामिया ने छात्रों को कैंपस से बाहर न जाने की सलाह दी
है।
एएमयू धरने में शामिल करने को बंद कराई कक्षाएं
एएमयू में बाबे सैयद पर छात्रों का धरना सोमवार को छठवें दिन भी जारी रहा। धरने पर छात्रों ने जिला प्रशासन व इंतजामिया को कठघरे में खड़ा किया। कक्षाओं में छात्रों से अनुरोध कर उन्हें धरने में शामिल होने के लिए कहा गया। एएमयू छात्रसंघ की अगुवाई में चल रहे धरने में छात्रों की पहली मांग थी कि 14 छात्रों पर दर्ज देशद्रोह का मुकदमा वापस लिया जाए। यह मांग पूरी हो गई है। दूसरी मांग छात्रों का निलंबन वापस लेने की थी, जो पूरी होती नहीं दिख रही। चार छात्रों का निलंबन वापस हुआ तो उनके साथ निलंबित चार गैर मुस्लिम छात्रों के निलंबन वापसी का दबाव भी इंतजामिया पर बढ़ जाएगा। सोमवार को धरने से पहले छात्रों ने कक्षाओं को बंद कराया।