अलीगढ़ में गंभीर मरीजों के लिए आफत बनी जेएन मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल
दिनभर इलाज के लिए भटके मरीज देर शाम समझौता होने पर मिली राहत गंभीर हालत में मरीज को मेडिकल लेकर आए तीमारदार करते रहे फोन।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवíसटी (एएमयू) के जवाहर लाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल गंभीर मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए आफत बन गई। दिन भर मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। दूर-दराज क्षेत्र से मेडिकल कालेज आए कई मरीजों की जान संकट में पड़ गई। उनको बिना इलाज के इमरजेंसी गेट के बाहर से ही वापस होना पड़ा।
गुरुवार को छात्र से विवाद के बाद से ही डाक्टर कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को डाक्टरों ने मेडिकल कालेज के इमरजेंसी एंड ट्रामा सेंटर के मुख्य गेट को भी बंद कर दिया। एएमयू के सुरक्षाकíमयों ने भी हड़ताल की जानकारी देते हुए मरीजों को वापस भेजा। हड़ताल के चलते इमरजेंसी में सन्नाटा पसरा रहा। इमरजेंसी के बाहर एंबुलेंस पर मरीज लिए तीमारदार संबंधियों को फोन कर निजी व सरकारी अस्पताल की जानकारी करते रहे। आगरा से आई फरजाना के स्वजन ने बताया कि इनके दिमागी बुखार है। ब्रेन लगभग निष्क्रिय हो गया है। उनको लौटना पड़ा। इसी तरह अन्य तीमारदार भी मरीजों को लेकर वापस गए।
इगलास के जगवीर सिंह का मथुरा में गले के ट्यूमर का इलाज हुआ था। हालत खराब थी, वे मेडिकल कालेज आए लेकिन हड़ताल के चलते उनको इमरजेंसी के सामने ही बैठाकर स्वजन ने नली से नाक के जरिए जूस पिलाया, फिर वापस ले गए।
जलाली से आए प्यारेलाल को सास लेने में तकलीफ थी। एंबुलेंस से उनको जेएन मेडिकल कालेज लाया गया। काफी देर इंतजार के बाद उनको वापस जाना पड़ा।
बुलंदशहर के छतारी के पास गांव पीतमपुर में हुए एक्सीडेंट मे घायलों को मेडिकल कालेज लाया गया। एक व्यक्ति लहूलुहान हालत में तो दूसरा बेहोशी की हालत में था। डाक्टरों की हडताल के चलते उपचार नहीं मिला। घायलों को छोटे हाथी में दीनदयाल चिकित्सालय ले जाया गया।