Sawan Month 2020:जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर हर-हर महादेव का जयघोष Aligarh News
कोरोना वायरस ने हर चीज को प्रभावित करने का काम किया है। सोमवार को सावन के पहले सोमवार पर भी यही स्थिति रही। प्रसिद्ध खेरेश्वरधाम और अचलेश्वरधाम मंदिर के गेट पूरी तरह से बंद रहे।
अलीगढ़[ जेएनएन]: कोरोना वायरस ने हर चीज को प्रभावित करने का काम किया है। सोमवार को सावन के पहले सोमवार पर भी यही स्थिति रही। प्रसिद्ध खेरेश्वरधाम और अचलेश्वरधाम मंदिर के गेट पूरी तरह से बंद रहे। श्रद्धालुओं बाबा के दर्शन नहीं कर सकें। जिससे उन्हें निराशा हुई। सभी ने अपने-अपने घरों पर ही भगवान भोलेनाथ का पूजन किया। घरों में रखी छोटी शिवङ्क्षलग पर श्रृंगार किया। जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर हर-हर महादेव का जयघोष किया। हालांकि, शहर में छोटे मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहीं। यहां श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
भव्य फूल बंगला सजाया
सावन की शुरुआत सोमवार से हुई है। इससे श्रद्धालुओं में सावन को लेकर खासा उत्साह था। मगर, कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए शिवभक्तों को बड़े मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया गया। शहर के हालात को देखते हुए प्रशासन ने लोधा क्षेत्र स्थित खेरेश्वरधाम और अचलताल स्थित अचलेश्वरधाम मंदिर के गेट बंद करा दिए थे। इसके बावजूद सुबह के समय तमाम श्रद्धालु पहुंच गए। मगर, गेट बंद होने के चलते उन्हें निराशा हुई। तमाम श्रद्धालुओं ने गेट के बाहर से ही जल अर्पित किया। खेरेश्वरधाम मंदिर में शाम को भव्य फूल बंगला सजाया गया। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बाबा का श्रृंगार किया। रात नौ बजे भगवान भोलेनाथ की आरती हुई। हालांकि, जयगंज स्थित मंगलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यहां मंदिर का गेट खुला हुआ था। तड़के चार बजे से श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी हो गया। शहर के काफी संख्या में श्रद्धालु मंगलेश्वर मंदिर पहुंचे। भोलेनाथ के जयकारों से मंदिर गूंज उठा। शिवभक्तों ने जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया। मंदिर कमेटी के अंकित वाष्र्णेय ने बताया कि मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन कराया गया। भक्त काफी दूर-दूर खड़े हुए थे। मंदिर के छोटे गेट से निकासी थी, जिससे लोग एकत्र न हों। दीपक शर्मा, भारतेंदु पंडित, ऋषि वाष्र्णेय, जूली शर्मा आदि सेवादार सहयोग में रहे।
घर-घर हुआ पूजन
पूरे शहर में घर-घर भगवान शिव का भक्तों ने पूजन किया। श्रद्धालुओं ने छोटे-छोटे शिवङ्क्षलग खरीदे हुए थे। तमाम लोगों के यहां पहले से ही थे। उन्होंने सुबह स्नानादि करके शिवङ्क्षलग का श्रृंगार किया। जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया। शिव चालीसा का पाठ किया। हालांकि, इससे परिवार के लोगों को बच्चों के साथ पूजन का मौका मिल गया। मंदिर आदि जाने पर सामूहिक रुप से घरों में पूजा नहीं हो पाती थी। सावन के पहले सोमवार को काफी लोगों ने व्रत भी रखा। हर-हर, बम-बम, जय भोलेनाथ के जयकारों की गूंज रही। वहीं, शहर के गली-मुहल्लों में स्थित शिव मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ देखी हुई। श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन करके आशीर्वाद लिया।
अन्य दिन खुले रहेंगे मंदिर
खेरेश्वरधाम और अचलेश्वरधाम मंदिर अन्य दिन खुले रहेंगे। सिर्फ सावन के सोमवार को मंदिर का गेट बंद रहेगा। खेरेश्वरधाम मंदिर समिति के अध्यक्ष ठा. सत्यपाल ङ्क्षसह ने बताया कि सोमवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है, इससे स्थिति संभालनी मुश्किल हो जाती। अन्य दिनों में स्थिति सामान्य रहती है। श्रद्धालु नियमों का पालन करते हुए दर्शन करते हैं, इससे कोई दिक्कत नहीं होती है।