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जागरण पड़ताल: अलीगढ़ में करोड़ों की जमीन के मालिक हैं पाकिस्तानी

भारत से पाकिस्तान को अलग हुए 75 साल हो गए हैं. लेकिन आजादी के समय देश छोड़कर पाकिस्तान गए लोगों के नाम जमीनों पर अब भी यहां है। ऐसा ही एक मामला कोल तहसील के जलाली कस्बे का सामने आया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 09:04 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 09:04 PM (IST)
जागरण पड़ताल: अलीगढ़ में करोड़ों की जमीन के मालिक हैं पाकिस्तानी
दैनिक जागरण की पहल पर अलीगढ़ में अन्य शत्रु संपत्तियाों की जांच हो रही है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भारत से पाकिस्तान को अलग हुए 75 साल हो गए हैं. लेकिन आजादी के समय देश छोड़कर पाकिस्तान गए लोगों के नाम जमीनों पर अब भी यहां है। ऐसा ही एक मामला कोल तहसील के जलाली कस्बे का सामने आया है। यहां पर बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए तबक्कुल हसन, तजमिल हसन समेत अन्य कई लोगों के नाम खतौनी में चले जा रहे हैं। कोल तहसील की टीम ने इस पूरे मामले की जांच कर ली है। प्रशासन इन नामों को खतौनी से बेदखल करने के लिए प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय में भेज रहा है। जिले में अन्य शत्रु संपत्तियाों की जांच हो रही है।हिंदुस्तान के बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति नाम दिया गया था। यह सरकारी संपत्ति की तरह प्रयोग होती हैं। मालिकाना हक प्रशासन का होता है।

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मौके पर कोई निर्माण नहीं 

जिले में पदेन उप अभिरक्षक शत्रु संपत्ति के रूप में डीएम होते हैं। यहीं संरक्षण करते है। जिले में कुल 48 संपत्ति शत्रु संपत्ति हैं। इनमें सबसे अधिक दो दर्जन संपत्ति कोल तहसील में हैं। जांच में हुआ पर्दाफाश बीते दिनों जिला प्रशासन को जलाली की एक शत्रु संपत्ति को लेकर मौखिक शिकायत मिली थी। एडीएम प्रशाासन डीपी पाल ने इस मामले में कोल तहसील को जांच के निर्देश दिए। तहसील स्तर से इस मामले की जांच कराई गई। इसमें सामने आया कि मौजूदा समय में शत्रु संपत्ति के गाटा संख्या 4431 /1 रकवा 0.553 हेक्टेयर, गाटा संख्या 4435 /2 रकवा 0.145 हेक्टेयर व गाटा संख्या 4437 /1 रकवा 0.193 पर कोई निर्माण नहीं है। राजस्व अभिलेख (खतौली) में तब्क्कुल हसन, मुजमिल हसन, तजमिल असल, शफी फातिमा, वनी फातिमा व नफीस फातिमा का नाम दर्ज है। यह जमीन संक्रणी भूमिधर अंकित है। मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं है। पिछले 50 साल से जलाली के मजरा औसाफ अली निवासी एक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा है। कब्जेधारक के पास विधिक अधिकार को लेकर तहसील का कोई साक्ष्य नहीं है। अब जिला प्रशासन इस जांच रिपेार्ट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय को एक पत्र लिखकर रहा है। इसमें खतौनी से इन नामों को बेदखल करने की अनुमति मांगी जा रही है। अन्य की भी पड़ताल जिले में हरदुआगंज के विसावनपुर सिल्ला, हरदुआगंज कस्बा, जवां ढैंकुरा, मदारगेट शहर, जवां का वीरपुर छबीलगढ़, अतरौली कोरेह रघुपुरा , गभाना चंडौस, खैर राजपुर, टप्पल गढ़ी सूरजमल, सिविल लाइन कोठी धर्मपुर हाउस, बदरबाग सिविल लाइन, अकराबाद पिलखना, सिविल लाइन बेगपुर, घुडियाबाग देहलीगेट, दोदपुर सिविल लाइन, सासनी गेट सराय क्षेत्र में शत्रु संपत्ति हैं। प्रशासन इन सभी के दस्तावेजों की जांच कराकर रहा है। इनमें खतौनी व अन्य दस्तावेजों को देखा जा रहा है। नियमानुसार शत्रु संपत्ति घोषित होते ही खतौनी में भी यही दर्ज होना चाहिए।

इस तरह की संपत्ति हैं शामिल

इनमें आवासीय भूमि के साथ ही खाली प्लाट, कृषि भूमि, दुकान, बाग समेत अन्य प्रकार की संपत्ति शामिल हैं।

जलाली की शत्रु संपत्ति को लेकर शिकायत मिली थी। कोल तहसील से इसकी जांच कराई जा रही है। अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जांच रिपोर्ट आते ही इस पूरे प्रकरण को शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय में भेजा जाएगा। वहां से आगे का निर्णय होगा।

डीपी पाल, एडीएम प्रशासन


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