जागरण यूथ पार्लियामेंट : विरोध के बीच आरटीआइ को संशोधित बिल पेश
जागरण युवा संसद के बजट सत्र का रविवार से शुभारंभ हुआ। पहले दिन सूचना का अधिकार विधेयक 2013 को गृह एवं विदेश मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया
अलीगढ़ (जेएनएन)। जागरण युवा संसद के बजट सत्र का रविवार से शुभारंभ हुआ। पहले दिन सूचना का अधिकार विधेयक 2013 को गृह एवं विदेश मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। बहुसंख्यक सांसदों ने इसका कड़ा विरोध भी किया।
युवा सांसदों ने सेना के उपकरणों पर दिया जोर
एएमयू के स्ट्रेची हॉल में आयोजित यूथ पार्लियामेंट में विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने इस सत्र के लिए नियम 184 के तहत चर्चा के लिए राजनीतिक दलों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार प्रसार के मुद्दे को चुना। इसके बाद बजट की प्रक्रिया शुरु हुई। सभी मंत्रालयों ने अनुदानों की मांग प्रस्तुत की। इसके बाद वित्त मंत्री ने सदन में अपना बजट भाषण रखा। बजट में जहां ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को 59126 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई। शहरों के विकास के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना में 6400 करोड़ रूपए आवंटित किए गए। युवा सांसदों ने सेना को बेहतर उपकरण देने की जरूरत पर बल दिया।
सांसदों के बोल
हर वर्ग का रखा ख्याल
सांसद उम्मेद अली ने कहा बजट में हर वर्ग को ध्यान में रखा गया है। हर मंत्रालय में विकास के लिए धन आवंटित किया गया है। अच्छा बजट रहा। वित्त मंत्री सौम्या गोयल ने कहा कि मैंने बजट बनने की प्रक्रिया को करीब से जाना। देश के विकास के लिए अच्छा बजट अहम हैं।
कानून का पालन जरूरी
विपक्ष के सदस्य दामिनी ने कहा कि सदन में सूचना का अधिकार (संशोधन विधेयक) 2013 पर जो चर्चा हुई। मेरे हिसाब से बिल में विशिल ब्लोवर को सुरक्षा देने के लिए कुछ प्रावधान किए जाएं। वित समिति की सदस्य श्वेता ने कहा कि ग्रामीणों लोगों को यह नहीं पता चल पाता की उन्होंने जो आरटीआइ डाली जाती है वह सफल रही या नहीं, इसके लिए कुछ प्रबंध होने चाहिए। ग्रामीण एवं शहरी विकास समिति के सदस्य इंजमाम उल हक ने कहा कि जिन राजनीतिक दलों ने संसद मे सूचना कानून बनाया, उसका पालन वो स्वयं नही करेंगे तो आखिर देश में कानून का राज कैसे स्थापित होगा। सभापति सलमान काशमी ने बताया कि आरटीआइ के अधिकार विधेयक 2013 में संशोधन करने पर बहस की। अधिकांश सदस्य यह मानते हैं कि यह विधेयक राजनीतिक फंडिंग को आरटीआइ से बचाने का एक तरीका है।