Move to Jagran APP

एक पल को लगा एक युवा संन्‍यासी फिर भारत के वैभव को बताने निकल पड़ा, जानिए पूरा मामला Aligarh news

शिकागो विश्व धर्म संसद में भारत को नई पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को नई दिशा दी। 11 सितंबर को ऐतिहासिक पल था जिसने भारत के अध्यात्म को जाना स्वामी विवेकानंद के एक-एक शब्द दुनिया को दर्शन के साथ दिशा भी दे रहे थे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 05:52 PM (IST)
एक पल को लगा एक युवा संन्‍यासी फिर भारत के वैभव को बताने निकल पड़ा, जानिए पूरा मामला Aligarh news
11 सितंबर की तिथि पर एसजेडी पब्लिक मेमोरियल स्कूल, अलीगढ़ में स्वामी विवेकानंद पर व्याख्यान देते युवा संन्यासी आनंद शास्त्री।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । शिकागो विश्व धर्म संसद में भारत को नई पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को नई दिशा दी। 11 सितंबर को ऐतिहासिक पल था, जिसने भारत के अध्यात्म को जाना, भारत की सनातन और वैदिक संस्कृति को पहचाना, स्वामी विवेकानंद के एक-एक शब्द दुनिया को दर्शन के साथ दिशा भी दे रहे थे। शनिवार को एसजेडी पब्लिक मेमोरियल स्कूल नौरंगाबाद उस तिथि का साक्षी बना। प्रसिद्ध संत श्रीधराचार्य महाराज के शिष्य आनंद शास्त्री ने मानों धर्म संसद के एक-एक पल को जीवंत कर दिया हो। उनके भाव-शब्द और वेश से ऐसा लग रहा था कि मानों एक युवा संन्यासी फिर भारत के वैभव को दुनिया को बताने के लिए चल पड़ा है। भारत के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प ले लिया हो। आनंद शास्त्री के शब्दों के साथ तालियां गूंज रहीं थीं। युवा पीढ़ी की आंखों में शास्त्रीजी ने जो सपने दिखाएं हैं, निश्चित ही नई पीढ़ी उनका अनुसरण करके आगे बढ़ेगी।

loksabha election banner

सुबह 11 बजे से शुरु हुआ व्‍याख्‍यान

शनिवार को सुबह 11 बजे आनंद शास्त्रीजी का विवेकानंद पर व्याख्यान प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम से पूर्व उन्होंने प्रारंभ भारत माता एवं विवेकानंद जी चित्र पर माल्यार्पण किया। स्कूल की प्रधानाचार्य नीलम शर्मा एवं निदेशक इंजीनियर राजीव शर्मा ने आनंद शास्त्री जी को विवेकानंद स्मृति चिन्ह एवं पटका पहना कर भव्य स्वागत किया। स्कूल के बच्चों ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर सुंदर प्रस्तुति दी। बच्चों की प्रस्तुतियों में तो ऐसे लगा कि स्वामी विवेकानंद की टोली चल पड़ी है।

एक विचार का नाम है विवेकानंद

मुख्य वक्ता आनंद शास्त्रीजी ने कहा कि बड़े व्यक्तित्व की यह विशेषता होती है कि आप उनसे सहमत या असहमत हो सकते हैं परंतु उसे नकार नहीं सकते। स्वामी विवेकानंद व्यक्तित्व व संस्था से ऊपर जाकर एक विचार का नाम है। जिन्होंने गुलामी के समय में भी भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की पताका शिकागो धर्म संसद में अपने विचारों के माध्यम से पूरे विश्व में फैलाया। स्वामी विवेकानंद एक कालजयी व्यक्तित्व हैं आज भी युवा पीढ़ी हेतु उनके विचार प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा था कि सफल व्यक्ति हार और जीत का चयन करता है वहीं कालजयी व्यक्ति सही और गलत का चयन करता है। जहां आज युवा पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण में संलिप्त होकर भावात्मक रूप में समाज व राष्ट्र से कट गया है वहां उन्हें स्वामी विवेकानंद के विचारों के अनुरूप भावनात्मक रूप से परिवार, समाज व राष्ट्र से जुड़ कर सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है। युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए स्वामी जी ने कहा था कि जिस दिन आप असफलता के भय से मुक्त हो जाते है उस दिन सफलता के द्वार खुल जाते हैं। आनंद शास्त्री ने आगे कहा कि आज स्वामी विवेकानंद के विचारों को जनांदोलन बनाए जाने की आवश्यकता है। यही स्वामी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इन्हें सम्मानित किया गया

डॉक्टर विशन बहादुर सक्सेना, इतिहासकार एवं शिक्षाविद्, डॉक्टर ऋषभदेव शर्मा, श्रीमद्भागवत अध्येता, श्री रोहित कुमार, शाखा प्रबंधक केनरा बैंक सासनी गेट, श्री प्रदीप सिंघल, उद्योगपति एवं प्रमुख समाजसेवी, कालीचरण, पूर्वोत्तर छात्र शिक्षा एवं छात्रवास प्रमुख सिंघारपुर, उड़ान सोसायटी के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र मिश्रा सर्वशक्ति सेवा संस्थान से फेरी गुप्ता, एनिमल फीडर्स से यश मणि जैन, गौरव शर्मा, युक्ति गुप्ता समाज में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया।

हर शब्द प्रेरित करने वाले थे

संचालन स्कूल की छात्रा रिथिम शर्मा ने किया। विद्यालय के निदेशक इंजीनियर राजीव शर्मा ने सभी सम्मानितजन एवं संस्थाओं के विषय में विस्तृत प्रेरक शब्दों के माध्यम से उत्साह बढ़ाया। कहा कि वह देश-धर्म से जुड़े आयोजन इसी प्रकार से कराते रहेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य भारत को विश्व गुरु के रुप में फिर से आसीन कराना है, इसलिए वह सतत प्रयास कर रहे हैं। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। इंजीनियर राजीव शर्मा ने कहा कि भारत ही एकमात्र दुनिया में देश है जो वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है।

इन्होंने किया सहयोग

कमल गौड़, गरिमा कुदेशिया, अनिल किशोर, जया भारद्वाज, मनोज झा आदि का योगदान रहा। कार्यक्रम में पवन जैन, राजेश चौधरी, चमन शर्मा, लक्ष्मी राज सिंह आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.