अलीगढ़ में गोवंश विहार में मछली पालन के धंधे की अटकी जांच
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानि पीपीपी माडल पर बने सूबे के पहले गोवंश विहार में मकसद के खिलाफ मछली पालन का धंधे की मामले की जांच अटक गई है। डीएम सेल्वा कुमारी के निर्देश पर सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने इसके जांच के आदेश दिए थे।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानि पीपीपी माडल पर बने सूबे के पहले गोवंश विहार में मकसद के खिलाफ मछली पालन का धंधे की मामले की जांच अटक गई है। डीएम सेल्वा कुमारी के निर्देश पर सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने इसके जांच के आदेश दिए थे। एसडीएम गभाना को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थीं, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है। इसके लिए जिला स्तर से रिमाइंडर भेजे जाने की तैयारी हो गई है। दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया।
सीएम ने शुरू की थी गोवंशीय तस्करों के खिलाफ कार्रवाई
2017 में सूबे में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद गोवंशीय तस्करों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इससे प्रदेश में निराश्रित गोवंशी की संख्या बढऩे लगी। तीन साल पहले जिले में निराश्रित गोवंशी की संख्या बढऩे पर प्रशासन ने पीपीपी माडल पर प्रदेश का पहला गोवंश विहार विकसित करने का फैसला लिया था। इसके लिए गाजियाबाद के रमेशचंद्र चैरिटिबल ट्रस्ट से अनुबंध किया गया। गभाना के कंदौलीण्कोमला पंचायत की 56 हेक्टेयर सरकारी जमीन मुफ्त में ट्रस्ट को दी गई। शर्त यह थी कि यह भूमि केवल गोवंशी के संरक्षण में ही उपयोग की जाएगी। गोवंशी को रखा जाएगा। जमीन पर चारा बोया जाएगा।
राजस्व परिषद ने एनजीओ को इन्हीं शर्तों पर दी थी जमीन
राजस्व परिषद ने भी इन्हीं शर्तों पर एनजीओ को जमीन देने के लिए मुहर लगाई थी, लेकिन इस गोवंश विहार में नियमों के खिलाफ मछली पालन का धंधा हो रहा है। तालाब भी शर्तों के खिलाफ खोदा गया है। ऐसे में पिछले महीने इस प्रकरण में सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने जांच के आदेश कर दिए थे। एसडीएम गभाना को जांच सौंपी गई थी, लेकिन अब तक यह जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी है। जबकि, जिला स्तर से इसके लिए 15 दिनों का समय दिया गया था, यह निर्धारित समय भी पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक कोई फायदा नहीं हुआ है। अब जिला स्तर से रिमाइंडर देने की तैयारी हो है। सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। एसडीएम को जल्द जांच देने के निर्देश दिए गए हैं।