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International Day of Yoga 2020: कोरोना ने बदला अंदाज, छत, बॉलकनी और कमरों में योग Aligarh News

कोरोना की दहशत के चलते योग का अंदाज ही बदल गया। विश्व योग दिवस के अवसर पर रविवार को लोगों ने खूब योग किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 11:37 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 11:37 AM (IST)
International Day of Yoga 2020: कोरोना ने बदला अंदाज, छत, बॉलकनी और कमरों में योग Aligarh News
International Day of Yoga 2020: कोरोना ने बदला अंदाज, छत, बॉलकनी और कमरों में योग Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: कोरोना की दहशत के चलते योग का अंदाज ही बदल गया। विश्व योग दिवस के अवसर पर रविवार को लोगों ने खूब योग किया। पहली बार ऐसा अवसर है, जब योग पार्क, खुले मैदान और स्कूल-कॉलेज में नहीं हुआ बल्कि। कोरोना वायरस के चलते लोगों ने अपने घर-लॉन, छत, बॉलकनी आदि स्थानों पर योग किया। इसके लिए पतंजलि योग पीठ समेत शहर में तमाम संस्थाओं ने पहले से ही योग की तैयारियां कर ली थीं।

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121 स्थानों पर ऑनलाइन कार्यक्रम

भारत स्वाभिमान पतंजलि के भूपेंद्र शर्मा व यतेंद्र आर्य ने बताया कि रविवार को योग महोत्सव सार्वजनिक स्थान पर नहीं होगा। जिला प्रभारी राकेश शर्मा ने कहा कि सभी अपने-अपने घरों पर ही योग करेंगे। पतंजलि के पांचों संगठन इस बार 121 स्थानों पर ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। फेसबुक पर लाइव भी रहा। हरिओम सूर्यवंशी, रश्मि चौधरी, ज्ञानवती शर्मा, रंजना चौधरी, भूपेंद्र कुमार शर्मा आदि की आईडी पर लोग लाइव जुड़ गए।

एक माह पहले शुरू हो गईं थीं तैयारियां

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रविवार को सुबह छह बजे से योग का आयोजन करेगा। महानगर प्रचार प्रमुख महेश कुमार ने बताया कि एक महीने से तैयारी चल रही थी। पूरे महानगर में संघ के कार्यकर्ता अपने घरों की छत, बॉलकनी, लॉन आदि स्थानों पर करेंगे। उन्होंने सभी से नियमों के पालन की अपील की है।

योगमय हुए सब

ज्ञान धारा क्लब ने योग दिवस पर व्यापक इंतजाम किया है। सीए संजय गोयल ने बताया कि ऑनलाइन योग कार्यक्रम आयोजित किया गया है। एक हफ्ते से हम सोशल मीडिया पर लोगों को जागरूक कर रहे थीं। गूगल मीट पर लोगों को जोड़ा गया है।

भारत विकास परिषद

गोमुखासन आसन के लाभ

अस्थमा के रोगियों के लिए यह आसन रामबाण है। यह छाती को पुष्ट करता है। फेफड़ों की सफाई करता है और उसकी क्षमता को बढ़ाता है। बांहों को मजबूत करता है। कूल्हे के दर्द को राहत देता है। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने के साथ उसे मजबूत बनाता है। यदि नियमित रूप से गोमुखासन करते हैं तो सर्वाइकल की दिक्कत कभी नहीं होगी। कमर दर्द की परेशानी से राहत मिलेगी। साथ ही यह आसन शरीर को लचकदार बनाता है। ऐसे व्यक्ति जो अधिक समय तक कुर्सी पर बैठ कर काम करते हैं, उन्हें इस आसान को आवश्यक रूप से करना चाहिए।


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