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लोकल किसानों के बजाय राजस्‍थान के किसानों को ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा उर्वरक, शिकायत पर जांच करने पहुंचे अधिकारी Aligarh news

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के निर्देश पर एसडीएम अनिल कुमार कटियार व जिला कृषि रक्षा अधिकारी डा. राम प्रवेश ने क्षेत्र में उर्वकर विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही सहकारी समिति का भी निरीक्षण किया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 06:17 AM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 06:17 AM (IST)
लोकल किसानों के बजाय राजस्‍थान के किसानों को ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा उर्वरक, शिकायत पर जांच करने पहुंचे अधिकारी Aligarh news
उर्वरक की कालाबाजारी की शिकायत पर दुकानों पर जांच करते अधिकारी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । इगलास क्षेत्र में किसानों को उर्वरक उपलब्ध न होने व उर्वरक विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी करने की सूचना मिलने पर एसडीएम व कृषि विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में उर्वरक प्रतिष्ठानों की जांच की। दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि डीएपी को निर्धारित मूल्य से अधिक पर बेचा तो कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कई दुकानदार अपने प्रतिष्ठान बंद कर भाग गए। चर्चा है कि क्षेत्र में स्थानीय किसानों के स्थान पर राजस्थान प्रांत के किसानों को महंगे दामों में अर्वरक बेचा जा रहा है।

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अधिक मूल्‍य पर उर्वरक बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के निर्देश पर एसडीएम अनिल कुमार कटियार व जिला कृषि रक्षा अधिकारी डा. राम प्रवेश ने क्षेत्र में उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही सहकारी समिति का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कृषको को गुणवत्ता युक्त उर्वरक उचित दरों पर दिलाने, उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टेंगिंग रोकने, भूमि के अनुसार किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने के निर्देश दुकानदारों को दिए। पोस मशीन के स्टाक अनुसार उर्वरकों का सत्यापन भी किया। कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि डीएपी पैकिट की कीमत 12सौ रुपये है, इससे अधिक मूल्य पर बेचने पर कार्रवाई की जाएगी। डीएपी की जनपद में कोई कमी नहीं है। किसान परेशान न हो, अभी सिर्फ आलू व सरसों की फसल के लिए ही उर्वरक क्रय करें। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह आवश्यकता अनुसार ही उर्वरक का क्रय करें। किसान आलू में अधिक मात्रा में डीएपी का प्रयोग कर रहे हैं। एक एकड़ आलू की खेती के लिए दौ पैकिट डीएपी पर्याप्त है। इसके साथ शूक्ष्म पोषक तत्व माइक्रो मिक्चर, सल्फर, जैविक खाद के प्रयोग का बढ़ावा दें। अधिक अर्वरक से मृदा के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

आलू का बेल्‍ट माना जाता है इगलास को

विदित रहे कि इगलास क्षेत्र आलू की बेल्ट माना जाता है। आलू की खेती के लिए ज्यादा मात्रा में डीएपी उर्वरक की आवश्यकता होती है। अच्छी पैदावार के लिए किसान क्षमता से ज्यादा अर्वरक का उपयोग करते हैं।


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