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संक्रमित मच्छर से होता है मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया, रहिए सावधान Aligarh news

सितंबर में बरसात सेहत के लिए दुश्मन बन गई है। इससे शहर से लेकर देहात तक जगह-जगह गड्ढों व अन्य स्थानों पर पानी इकट्ठा हो गया है। सरकारी तंत्र का दावा है कि रोजाना ऐसे स्थानों पर लार्वा रोधी दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 09:20 AM (IST)
संक्रमित मच्छर से होता है मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया, रहिए सावधान Aligarh news
डेंगू व बुखार के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जगह जगह दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । सितंबर में बरसात सेहत के लिए दुश्मन बन गई है। इससे शहर से लेकर देहात तक जगह-जगह गड्ढों व अन्य स्थानों पर पानी इकट्ठा हो गया है। सरकारी तंत्र का दावा है कि रोजाना ऐसे स्थानों पर लार्वा रोधी दवा का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन संसाधनों के अभाव में टीमें हर जगह नहीं पहुंच पा रहीं। नतीजतन, मच्छर पनपने से डेंगू रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 70 मरीजों की पुष्टि खुद स्वास्थ्य विभाग ने की है। जबकि, इन दिनों निजी अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों की भरमार है। विशेषज्ञों के अनुसार इस समय संक्रमित मच्छरों से सबसे ज्यादा खतरा है। संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद यदि मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी डेंगू होने की आशंका बढ़ जाती है। मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह भी यही है।

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मच्छरदानी का प्रयोग करें बुखार के रोगी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आनन्द उपाध्याय ने बताया कि डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसलिए खुद को मच्छर से बचा कर रखिए। संक्रमित मच्छरों के काटने से सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसलिए हमनें सभी डेंगू वार्डों में मरीजों को मच्छरदानी उपलब्ध कराई हैं। बुखार के रोगियों को भी मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। मलेरिया रोग साफ पानी में ठहरे हुए मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इसलिए इस रोग से बचाव के लिए अपने घरों और आसपास में जलभराव न होने दें। मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये जनपद में रहने वाले सभी नागरिकों का यह कर्तव्य बनता है कि सभी लोग अपने घरों के अंदर व आस पास साफ सफाई रखें। पानी का जमाव न होने दें।

ऐसे भी होगा मलेरिया से बचाव

जिला मलेरिया अधिकारी डा. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें। यदि ऐसा संभव हो तो उसमें मिट्टी का तेल या डीजल आदि डाल दें, जिससे मच्छर नष्ट हो जाएं। इसके अलावा नारियल के खोल, प्लास्टिक कप, बोतल आदि में जल एकत्रित न होने दें। जहां तक संभव हो पूरे आस्तीन की कमीज, मौजे आदि से शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखें। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से संपर्क करें और मलेरिया का शक होने पर नजदीकि सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं।

ये भी करें उपाय

  • -अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें
  • -दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं
  • -मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें
  • -अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा न होने दें
  • -पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रख दें
  • -कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं
  • -गड्डों में जहां पानी इकट्ठा हो, उसे मिट्टी से भर दें
  • -नालियों में जलभराव रोकें तथा नियमित सफाई करें

बुखार होने पर ये रखे ध्यान

  • -बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं।
  • -सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें।
  • -बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करे।
  • - मच्छरदानी में सोएं।
  • - पैरासिटामोल के अलावा अन्य कोई दवा न दें।

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