वर्कलोड से युवाओं में बढ़ रहा तनाव, विशेषज्ञ ने दिए बेहतरीन टिप्स, Stress ऐसे होगा कम Aligarh News
कार्यस्थल पर बढ़ता काम का दबाव खासकर युवाओं में तनाव का कारण बन रहा है। कार्यस्थल पर लंबे समय तक कार्य करना नाइट शिफ्ट में कार्य करना तंग समय-सीमाएं और कार्यस्थल पर बढ़ती मांगों के कारण व्यक्ति चिंतित और दबाव महसूस करने लगता है।
अलीगढ़, जेएनएन। भागदौड़ भरी जिंदगी व जीवनशैली से सेहत संबंधी गंभीर समस्याएं पनप रही हैं। वहीं, कार्यस्थल पर बढ़ता काम का दबाव खासकर युवाओं में तनाव का कारण बन रहा है। कार्यस्थल पर लंबे समय तक कार्य करना, नाइट शिफ्ट में कार्य करना, तंग समय-सीमाएं और कार्यस्थल पर बढ़ती मांगों के कारण व्यक्ति चिंतित और दबाव महसूस करने लगता है। तनाव का स्तर एक सीमा से ज्यादा बढ़ जाने पर यह दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू करता है। उनकी कार्यक्षमता बढ़ने की बजाय घट जाती है। यह कहना जिला मानसिक रोग प्रकोष्ठ की साइकोथेरेपिस्ट डा. अंशु सोम का।
टाइम मैनेजमेंट से तनाव करें कम
वर्कलोड से तनाव पर काफी काम कर चुकी डा. अंशु ने चिंता जताई कि कुछ लोग काम के तनाव को कम करने के लिए दवा या नशे का सहारा तक ले रहे हैं। ऐसे तमाम युवा बीमार होकर साइक्लोजिस्ट के पास पहुंचने लगे हैं, जो उन्हें अन्य टिप्स के साथ टाइम मैनेजमेंट के जरिए तनाव कम करने की सलाह दी जाती है। समय प्रबंधन अपनी गतिविधियों और कार्यों को समय पर और उत्पादक तरीके से योजना बनाने व पूरा करने की क्षमता है। जब आप समय प्रबंधन में कुशल होते हैं, तो आप प्रभावी रूप से यह तय कर सकते हैं कि प्रत्येक कार्य पर कितना समय बिताना है। आप प्रत्येक दिन अधिक काम कर सकें। अपने भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करने से अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखें। दूसरों के साथ जुड़ें। दोपहर के भोजन की तारीख बनाएं, एक समूह में शामिल हों। हमें अन्य लोगों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने चाहिए। आप समय प्रबंधन में जितने बेहतर होंगे, आप काम में उतने ही कुशल होंगे।
सकारात्मक होकर क्षमता के अनुसार कार्य करें
डा. अंशु सोम ने बताया कि जीवन में आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है? इस पर ध्यान केंद्रित करें । यह आपका काम हो सकता है। आपका परिवार, स्वयंसेवा, देखभाल या कुछ और, वह करें जो आपको सार्थक लगे । सकारात्मक रहें, अपने जीवन में अच्छी चीजों पर ध्यान दें। गलती करने के लिए खुद को क्षमा करें और दूसरों को क्षमा करें। स्वस्थ, सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन खाएं, और पर्याप्त नींद लें। डा. अंशु ने बताया कि अब तो तमाम नियोक्तता खुद ही अपने कर्मचारियों की काउंसलिंग के लिए विशेषज्ञों को बुलाने लगे हैं।