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TB : अधूरे इलाज से जानलेवा हो जाती है टीबी, जानिए कैसे Aligarh News

क्षय रोग यानि टीबी के इलाज में लापरवाही घातक साबित हो सकती है । इसलिए लक्षण दिखते ही जांच कराकर इलाज शुरू कर देना चाहिए। अधूरे इलाज से यह बीमारी ठीक नहीं होती। बीच में इलाज खोलने पर यह बीमारी और खतरनाक रूप ले लेती है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 10:28 AM (IST)
क्षय रोग यानि टीबी के इलाज में लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

अलीगढ़, जेएनएन। क्षय रोग यानि टीबी के इलाज में लापरवाही घातक साबित हो सकती है । इसलिए लक्षण दिखते ही जांच  कराकर इलाज शुरू कर देना चाहिए। अधूरे इलाज से यह बीमारी ठीक नहीं होती। बीच में इलाज खोलने पर यह बीमारी और खतरनाक रूप ले लेती है। कई बार मरीज की मृत्यु हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि क्षय रोग का इलाज पूरा लिया जाए । टीबी की जो आज से लेकर दवाओ का खर्चा भी सरकार उठा रही है । आइए, टीबी व उसके इलाज से जुड़ी जानकारी पर नजर डालें...

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टीबी ऐसे बनती है जानलेवा

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर ने बताया कि टीबी एक गंभीर बीमारी है, इसे लोग हल्के में लेते हैं और जब वह बीमारी गंभीर हो जाती है, तब इलाज शुरू कराते हैं । यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो बीमारी को हराया जा सकता है। कई बार मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं। इससे टीबी का बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं होता। धीरे-धीरे मरीज एमडीआर व एक्सडीआर टीबी की चपेट में आ जाता है, जो जानलेवा है। डा. भास्कर ने बताया कि 2025 तक क्षय मुक्त भारत अभियान व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग की टीमें लगातार क्षय रोगियों को खोजने का काम कर रही है । 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक चले सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) में कुल 254 मरीज खोजे गए हैं और का इलाज भी शुरू कर दिया गया है । इस समय दस्तक अभियान में भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें टीबी के नए मरीजों की खोज में लगी हुई है । जनवरी से अब तक 1913  मरीजों का सरकारी अस्पताल और 1299 मरीजों का प्राइवेट पंजीकृत अस्पताल में इलाज चल रहा है । इस समय  5076 टीबी मरीज उपचाराधीन है । प्रत्येक मरीज को इलाज की अवधि में 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। इसलिए लक्षण दिखते ही मुफ्त जांच के लिए केंद्र पर पहुंचें। 

टीबी के लक्षण

- तीन सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है

-छाती में दर्द, वजन का घटना, भूख में कमी आना

-बलगम के साथ खून आना

- फेंफड़े का इन्फेक्शन और सांस लेने में दिक्कत 

टीबी से बचाव

-टीबी से बचाव के लिए बच्चों को जन्म से एक माह के अंदर टीबी का टीका लगवाएं 

-खांसते समय मुंह पर रूमाल रखें 

-रोगी जगह-जगह ना थूकें। 

- अल्कोहल का सेवन छोड़ें और धूमपान न करें ।


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