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शहर के गुरुकृपा अपार्टमेंट में 'गुरु' की 'कृपा' बढ़ा रही खुशहाली व संस्कार Aligarh news

विद्यार्थी जीवन में शिक्षा हो या बड़े होकर कार्यक्षेत्र जब कोई व्यक्ति किसी भी परेशानी में होता है तो वो गुरु की शरण में जाता है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 09:33 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:33 AM (IST)
शहर के गुरुकृपा अपार्टमेंट में 'गुरु' की 'कृपा' बढ़ा रही खुशहाली व संस्कार Aligarh news
शहर के गुरुकृपा अपार्टमेंट में 'गुरु' की 'कृपा' बढ़ा रही खुशहाली व संस्कार Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन]  : विद्यार्थी जीवन में शिक्षा हो या बड़े होकर कार्यक्षेत्र, जब कोई व्यक्ति किसी भी परेशानी में होता है तो वो गुरु की शरण में जाता है। समाधान पूछता है। कुछ ऐसा ही हाल गोविला गैस एजेंसी रोड स्थित गुरुकृपा अपार्टमेंट में रविवार को दैनिक जागरण टीम को देखने को मिला। 90 वर्षीय प्रताप राम आर्या यहां के निवासियों व बच्चों के गुरु हैं। उनके ही संरक्षण में खुशहाली व संस्कारों का पेड़ दिन पर दिन पनप रहा है। अल्मोड़ा निवासी व सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक रहे प्रताप राम अपने बेटे कैलाश आर्या के साथ इस अपार्टमेंट में रह रहे हैं। यहां रहने वाले परिवारों के सदस्य किसी भी पारिवारिक, सामाजिक, व्यावसायिक दुविधा में होते हैं तो उनसे सलाह लेते हैं। बाबा भी उनको व उनके बच्चों को अपने तजुर्बे से नेक सलाह व संस्कार देते हैं। ऐसे गुरु की कृपा से अपार्टमेंट में खुशहाली व संस्कारों का पौधा पनप रहा है...

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डुबके व मंडुए की रोटी का जलवा

राधा आर्या के पहाड़ी व्यंजन डुबके व मंडुए की रोटी का यहां क्रेज है। काले सोया को भिगोकर उसमें चावल पीसकर मिलाती हैं। फिर देर तक पकाती हैं। मसालों के बगैर प्याज, टमाटर, नमक डालकर डुबके बनते हैं। काली सरसों की तरह मंडुए की रोटी बनती हैं। केले के पत्ते में रखकर इसे बेलते हैं फिर घी लगाकर पकाते हैं।

घी-मक्खन के पेस्ट में सरसों का साग

 राधिका बंसल की विशेष तकनीक से बनी मक्के की रोटी व सरसों के साग के सभी दीवाने हैं। राधिका साग को घी-मक्खन के पेस्ट के साथ उबालती हैं। इससे फ्लेवर बढिय़ा आता है। आमतौर पर लोग मक्के के आटे का आलन लगाते हैं। मगर वे काली उड़द की दाल मिलाती हैं। मक्के के आटे की लोई को पन्नी में रखकर बेलती हैं जिससे किनारे फटते नहीं हैं।

रात कली एक ख्वाब में... गाकर बांधा समां

बैटरी व्यवसायी व अपार्टमेंट सोसायटी सचिव विनीत बंसल ने सधे सुरों व राग में 'रात कली एक ख्वाब में आई' गाकर समां बांध दिया। बताया कि गायकी सीखी नहीं शौकिया गाते हैं। उनको शाही टोस्ट, लौकी की खीर, सूजी का हलवा बनाने में भी महारथ है।


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