टैक्स को लेकर कारोबारी टेंशन में, GST सहित अन्य करों का तैयार नहीं हो रहा डेटा, ये है वजह Aligarh News
कोरोना संक्रमण के मामले रिकार्ड बना रहे हैं। कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर काम संभालने वाले कर्मचारी कम आ रहे हैं। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो चुकी है। जीएसटी के रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि में तीन दिन शेष हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के मामले रिकार्ड बना रहे हैं। कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर काम संभालने वाले कर्मचारी कम आ रहे हैं। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो चुकी है। जीएसटी के रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि में तीन दिन शेष हैं। इसके बाद जुर्माना होगा। टैक्स की अदायगी को लेकर कारोबारी टेंशन में हैं। वैट के लंबित मामलों के निपटारे की 31 जून अंतिम तिथि है। आयकर को लेकर भी तनाव है।
ब्याजमाफी योजना तीन जून तक चलेगी
प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के वैट (मूल्य संवर्धित कर) संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए तिथि 31 मार्च की जगह 30 जून कर दी है। इससे करदाताओं को राहत तो मिली, मगर कोरोना संकट के चलते उद्यमी लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कर अदायगी संबंधी तमाम झंझावत हैं। सीए व अकाउंटेंट बैठ नहीं रहे हैैं।
अलीगढ़ इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए अवन कुमार सिंह का कहना है कि मार्च में सरकार की ओर से छह तरह के टैक्स में लंबित चल रहे केसों के निपटाने के लिए ब्याजमाफी योजना तीन जून तक चलेगी। इसमें व्यापारी अपनी सुविधा के अनुसार टैक्स जमा कर ब्याज व अर्थदंड से बच सकते हैं। इसके लिए वाणिज्यकर विभाग ने पोर्टल की व्यवस्था की है।
वाणिज्य कर विभाग के एडिश्नल कमिश्नर विनय अस्थाना ने बताया कि वैट के वित्तीय वर्ष 2017-18 के मामलों को निपटारे के लिए मार्च में समय अवधि बढ़ाई गई थी। अफसर काम कर रहे हैं। सभी औपचारिकताएं आनलाइन हैं। घर बैठे उद्यमी लाभ ले सकते हैं।
ये है योजना का लाभ
- दस लाख रुपये तक काम करने वाले व्यापारियों के लिए ब्याजमाफी व अर्थदंड में सौ फीसद छूट।
- 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक के व्यापारियों को ब्याज में 90 फीसद व अर्थदंड में सौ फीसद छूट।
- बड़े कारोबारियों को आकर्षक छूट, स्थानीय स्तर पर हेल्पडेस्क, आवेदन केवल विभागीय पोर्टल पर।