अलीगढ़ के खैर में तयेरा भाई ही बुलाकर ले गया था छात्र को, हत्या के बाद उतार लिए थे कपड़े Aligarh news
चार दिन पहले अपहृत आइटीआइ छात्र का शव मिलने से शुक्रवार को खैर क्षेत्र के गांव बझेड़ा में मातम पसर गया। छात्र को उसका तयेरा भाई पार्टी के बहाने बुलाकर ले गया और पहले से तय योजना के अनुसार हत्या कर दी गई।
अलीगढ़, जेएनएन : चार दिन पहले अपहृत आइटीआइ छात्र का शव मिलने से शुक्रवार को खैर क्षेत्र के गांव बझेड़ा में मातम पसर गया। छात्र को उसका तयेरा भाई पार्टी के बहाने बुलाकर ले गया और पहले से तय योजना के अनुसार हत्या कर दी गई। इसके बाद कपड़े उतारकर सोफा नहर में फेंक दिए। उसे अंडरवीयर व बनियान में ही दफनाया गया, ताकि शव जल्दी गल जाए। सिम निकालकर मोबाइल फोन भी नहर में फेंक दिया था। दूसरा मोबाइल फोन लेकर उसी की सिम से बीस लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।
सुबह से ही अपने साथ ले जाने का प्रयास कर रहा था भूपेंद्र
यह राशि हैदराबाद की ट्रेन में रखने की बात से भ्रमित करने की कोशिश की गई। छात्र सुरेंद्र को उसका तयेरा भाई भूपेंद्र सुबह से ही अपने साथ ले जाने का प्रयास कर रहा था। तब मां ने देख लिया था, इसलिए सुरेंद्र नहीं गया। शाम को वह भूपेंद्र की बातों में आ गया और गांव के बाहर जाते ही पहले से तय साजिश में फंस गया। वहां उसका दोस्त ङ्क्षरकू अपने मामा रतन सिंह, एक अन्य दोस्त राहुल के साथ मौजूद था। इन्होंने अत्यधिक शराब पिलाई और फिर गला दबाकर व मुंह में कपड़ा ठूंसकर हत्या कर दी। उसके मुंह को गमछे से बांधने के साथ ही टेप भी चिपका दिया था। इसके बाद मथुरा के नौहझील में रतन सिंह के नलकूप पर पहुंचे और करीब एक किलोमीटर दूर यमुना किनारे फावड़े से गड्ढा खोदकर शव दफना दिया। हत्या के बाद फिरौती मांगी गई। यह राशि चारों बंटना तय हुआ था। पुलिस को तयेरे भाई पर पहले से ही शक हो चुका था। इसके चलते उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पूरी सच्चाई सामने आ गई।
देर शाम अंतिम संस्कार
छात्र की मां मुन्नीदेवी समेत घर की महिलाएं रो-रोकर बेहाल हो गईं। जैसे ही शाम को मथुरा से पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा वहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। हर कोई छात्र की हत्या करने वालों को कोस रहा था। देर शाम छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सुरेंद्र से ईष्र्या करता था तयेरा भाई
परिवार की संपन्नता सुरेंद्र की हत्या का कारण बन गई। पुलिस को भूपेंद्र ने बताया कि सुरेंद्र पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर का था। पिता उदयवीर सिंह की कई साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मां उसके चाचा श्यौदान सिंह के साथ रहने लगी। इनका परिवार संपन्न वर्ग से है। श्यौदान गांव में खुद की खेती के साथ ठेके पर खेतीबाड़ी कराते हैं। कस्बे में तहसील रोड पर उनका आलीशान मकान है। इसके चलते वह उससे ईष्र्या करता था। इसी के चलते सुरेंद्र के दोस्त रिंकू का साथ दिया।
शिकायत की दी थी धमकी
सुरेंद्र के परिवार की एक युवती से रिंकू के संबंध थे। इसके चलते वह रिंकू को खूब उल्टा सीधा कहता था। शिकायत की धमकी भी दी थी। इससे नाराज रिंकू ने सुरेंद्र को रास्ते से हटाने की ठान ली थी।
साथ में करते थे नौकरी
सुरेंद्र शौकिया तौर पर बालेसर (मध्य प्रदेश) की निजी कंपनी में काम करता था। भूपेंद्र व रिंकू उर्फ शिवकुमार कंपनी में साथ ही काम करते थे। इसी दौरान रिंकू की मध्यप्रदेश के राहुल से दोस्ती हुई थी। इसी दोस्ती का वास्ता देकर रिंकू ने सुरेंद्र की हत्या की योजना में उसे बुलाकर शामिल किया था।
होशियारी पड़ी भारी
शातिरों ने छात्र की हत्या करने के बाद उसके मोबाइल को सोफा नहर में फेंक दिया, लेकिन सिम को निकालकर व दूसरे मोबाइल फोन में डालकर उससे फिरौती का एसएमएस भेज दिया। मोबाइल की लोकेशन व सीडीआर से नए मोबाइल का आइएमई नंबर पकड़ में आ गया।
पकडऩे वाली टीम में ये रहे शामिल
इंस्पेक्टर खैर प्रवेश कुमार, अपराध निरीक्षक संजय सिंह, एसआइ सुरेंद्रबाबू दोहरे, गोपाल सिंह, आलोक सिंह, अमित कुमार के अलावा सॢवलांस टीम का सहयोग रहा। एसएसपी ने राजफाश करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।