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कोरोना काल में इस महिला अधिकारी ने जान पर खेलकर निभाई जिम्मेदारी Aligarh news

कोरोना काल में जब सब कुछ ठप हो गया। लोग घरों से निकलने में डर रहे थे। मुश्किल वक्त में बखूबी जिम्मेदारियां निभाने का जज्बा हमें महिला अफसरों में खूब देखने को मिला। नारी शक्ति ने कोरोना रोकथाम की ड्यूटी करने में दोहरी जिम्मेदारी निभाई।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 10:04 AM (IST)
कोरोना काल में इस महिला अधिकारी ने जान पर खेलकर निभाई जिम्मेदारी Aligarh news
बिजनौर जिले की मूल निवासी पारुल सिसौदिया 2015 बैच की पीसीएस एलाइड अधिकारी हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना काल में जब सब कुछ ठप हो गया। लोग घरों से निकलने में डर रहे थे। मुश्किल वक्त में बखूबी जिम्मेदारियां निभाने का जज्बा हमें महिला अफसरों में खूब देखने को मिला। नारी शक्ति ने कोरोना रोकथाम की ड्यूटी करने में दोहरी जिम्मेदारी निभाई। इनमें से एक हैं डीपीआरओ पारुल सिसौदिया। वह कोरोना से डरी नहीं, बल्कि कदम से कदम मिलाते हुए उन इलाकों तक पहुंचीं, जिसे हाटस्पाट घोषित किया गया। यहां सैनिटाइजेशन व साफ-सफाई कराई। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में अलीगढ़ को देश में पहला स्थान दिलाया। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प कराया। नवरात्र में ऐसी नारी शक्ति को नमन करते हैं।

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2015 की पीसीएस एलाइड अधिकारी हैं पारूल सिसौदिया

बिजनौर जिले की मूल निवासी पारुल सिसौदिया 2015 बैच की पीसीएस एलाइड अधिकारी हैं। इन्होंने नवंबर 2016 में मुज्जफरनगर से नौकरी की शुरुआत की। 2017 में अलीगढ़ में तैनाती हुई। तभी से यहां हैं। पिछले साल मार्च में कोरोना की देश में आहट हुई। सरकार ने लाकडाउन की घोषणा कर सबकुछ बंद करा दिया। केवल पुलिस-प्रशासनिक अफसर व कुछ समाजसेवी जनता की सेवा में जुटे रहे। पारुल सिसौदिया पर भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी। जिलेभर के 1100 से अधिक गांवों में सैनिटाइजेशन व साफ-सफाई का काम देखना। इस जिम्मेदारी को इन्होंने बखूबी निभाया। हर दिन गांवों का दौरा करतीं। सरकारी बैठकों में भाग लेंती। विकास कार्यों को आगे बढ़ाया। साथी-सहयोगी अफसरों के संक्रमित होने पर भी डरी नहीं। हर दिन लोगों के बीच में रहकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया। इसी मेहनत का असर रहा कि जिला पंचायत राज विभाग से जुड़े कार्यों में आगे रहा। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में पहला स्थान प्राप्त किया। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प में भी बेहतर काम मिला। पंचायत चुनाव के लिए समय से परिसीमन व आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई।

डीपीआरओ के नेतृत्व में एक साल में हुए प्रमुख कार्य

- कोरोना काल में प्रत्येक पंचायत में साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन।

-प्रधानों से 30 लाख से अधिक राशि कोविड केयर फंड में जमा कराई।

- जिले में 888 से अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण।

-1500 प्राथमिक विद्यालयों में जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण।

- 400 पंचायत घरों का निर्माण व 500 आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प।


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