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अलीगढ़ में भ्रष्टाचार के 'जिन्न' पर 'तंत्र' ने ऐसे डाला पर्दा, जांच कमेटी हो गई लापता

योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस का दावा कर रही हो, मगर स्वास्थ्य विभाग में शायद यह कोई मुद्दा नहीं है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 03:08 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 03:08 PM (IST)
अलीगढ़ में भ्रष्टाचार के 'जिन्न' पर 'तंत्र' ने ऐसे डाला पर्दा, जांच कमेटी हो गई लापता
अलीगढ़ में भ्रष्टाचार के 'जिन्न' पर 'तंत्र' ने ऐसे डाला पर्दा, जांच कमेटी हो गई लापता

अलीगढ़ (जेएनएन)। योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस का दावा कर रही हो, मगर स्वास्थ्य विभाग में शायद यह कोई मुद्दा नहीं है। सालभर पहले डीएम रहे हृषिकेश भास्कर यशोद ने जांच कराकर भ्रष्टाचार के तीन मामले पकड़े थे। कार्रवाई के लिए शासन को चिट्ठी भी लिखी गई। हैरत की बात ये है कि घोटालों की फाइल ही नहीं, कमेटी की जांच रिपोर्ट भी लापता हो गई। पुराने अफसरों के तबादले हुए और नए अफसरों ने चुप्पी साध ली।

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ये था मामला

दैनिक जागरण ने पिछले साल स्वास्थ्य विभाग में एक के बाद एक कई घोटालों का पर्दाफाश किया, जिस पर तत्कालीन डीएम ने 15 दिसंबर 2017 को मिशन इंद्रधनुष में फर्जी भुगतान, लैब मैटेरियल व सर्जिकल स्प्रिट खरीद, चंडौस का एचबीएनसी घोटाला, भर्तियों में अनियमितता, रजिस्टर व टेलीफोन खरीद समेत आठ  मामलों की जांच शुरू कराई। तीन सदस्यीय कमेटी में एडीएम (वित्त व राजस्व) मुख्य कोषाधिकारी व महाप्रबंधक (उद्योग) शामिल रहे।

तीन घोटाले हुए साबित

कमेटी ने फरवरी 2017 को अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी। इसमें मिशन इंद्रधनुष, एचबीएनसी घोटाला व भर्तियों में सीधे तौर पर अनियमितता होने की पुष्टि की गई। लैब मैटेरियल खरीद की तकनीकी जांच व भर्ती मामले में शासन स्तर से जांच की सिफारिश की। डीएम ने कार्रवाई की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी।

अफसरों के तबादले

शासन को चिट्ठी भेजने कुछ समय बाद ही डीएम हृषिकेश भास्कर यशोद का तबादला हो गया। इस बीच कमेटी में शामिल अन्य अधिकारियों के भी तबादले हो गए। इसके साथ ही लाखों के घोटाले फिर फाइलों में दफन हो गए।

आरटीआइ पर चुप्पी

कुछ माह पहले डीएम कार्यालय से संबंधित दस्तावेज व रिपोर्ट की प्रतिलिपि मांगी गई। डीएम कार्यालय ने आवेदन सीएमओ कार्यालय भेज दिया, जहां से अनभिज्ञता जताकर पल्ला झाड़ लिया गया। सूत्रों की मानें तो इस बीच विभाग ने दस्तावेजों को दुरुस्त कर लिया, मगर रिपोर्ट सामने आए तो कई बड़े अधिकारी, बाबू व अन्य कर्मचारी नप सकते हैं।

नोटिस का नहीं दिया जवाब

सीएमओ डॉ.एमएल अग्रवाल का कहना है कि ऐसी रिपोर्ट की मुझे जानकारी नहीं है। एचबीएनसी प्रकरण में गैर जनपद ट्रांसफर करा चुके तत्कालीन चंडौस चिकित्सा अधीक्षक ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। सामान की खरीद जरूरत व नियमानुसार ही हुई।


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