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मदरसा में होता है हवन, सब बच्चे देते हैं आहुति Aligarh News

मदरसा चाचा नेहरू में महीने में एक-दो बार हवन व कुरान ख्वानी होती है। पंडित हवन कराते हैं जिसमें हिंदू-मुस्लिम बच्चों के साथ मदरसा का स्टॉफ आहुति देते हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 09:43 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 05:33 PM (IST)
मदरसा में होता है हवन, सब बच्चे देते हैं आहुति Aligarh News
मदरसा में होता है हवन, सब बच्चे देते हैं आहुति Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने बताया मदरसा चाचा नेहरू में महीने में एक-दो बार हवन व कुरान ख्वानी होती है। पंडित हवन कराते हैं, जिसमें हिंदू-मुस्लिम बच्चों के साथ मदरसा का स्टॉफ आहुति देते हैं। हवन में आहुति देते समय पंडित स्वाहा बोलते हैं तो बच्चे बहुत खुश होते हैं। इसका मकसद एक-दूसरे के धर्म के बारे में बच्चों को जानकारी देना है। मदरसा में लंबे समय से बच्चों को रामायण का हिंदी में अनुवाद करके पढ़ाया जा रहा है। हिंदू बच्चे कुरान की आयतें सीख रहे हैं।

सब बच्चे मिलकर मनाते हैं त्यौहार
सलमा अंसारी ने बताया कि बच्चे त्यौहारों को मिलकर मनाते हैं। एक बार रामलीला भी बच्चों ने की थी । मौलानाओं ने इस पर आपत्ति भी जताई। एक मौलाना ने कहा कि आपका काम तो अच्छा है पर आपने मुस्लिम बच्चे को राम बना दिया। ये ठीक नहीं हैं। सलमा अंसारी ने बताया कि हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई मकसद होता है। इससे बच्चे अच्छा सीखते हैं। इसी लिए बच्चों को  रामायण व कुरान शरीफ पढ़ाई जा रही है। हर हमने नई पीढ़ी को जागरूक नहीं किया तो देश को बचाना मुश्किल को जाएगा।

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बच्चे मदरसा में सभी धर्मों को जानें 
सिविल लाइंस क्षेत्र के शमशाद मार्केट स्थित मदरसा चाचा नेहरू में मीडिया से बातचीत में सलमान अंसारी ने बताया कि आज का माहौल ठीक नहीं हैं। मदरसे से लोग खुश नहीं हैं। मदरसे के चक्कर में पांच-छह स्कूल बंद हो गए हैं। इस लिए लोग नफरत करते हैं। पूर्व में भी बच्चों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। एक बार पानी की टंकी के जहर मिला दिया तो एक बार आतिशबाजी का बम फेंक दिया। मदरसा में पढऩे वाले करीब चार हजार बच्चों में 1100 ङ्क्षहदू हैं। इनमें 28 बच्चे हॉस्टल में रहते हैं। हॉस्टल में रहने वाले बच्चे पूजा करने बाहर जाएं और उनका कोई अपहरण कर ले तो मैं जवाब नहीं दे पाऊंगा। दिल्ली का विकास तो नेत्रहीन है। इस लिए मदरसा में मस्जिद के साथ मंदिर बनाने का फैसला लिया गया है। सभी बच्चे मदरसा में महफूज रहें और सभी धर्मों को जानें यही मेरी कोशिश है। शिवजी और हनुमान जी की मूर्ति पधारी जाएंगी। 

मदरसों की छवि हुई खराब 
बिजनौर के एक मदरसा में हथियार मिलने पर कहा कि इस घटना ने मदरसों की छवि खराब की है। मदरसा संचालकों को सुरक्षा की जिम्मेदारी निभानी होगी। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए मैं अपने मदरसे में मेटल डिटेक्टर लगवा रही हूं। 11 सीसीटीवी लगे हुए हैं। मदरसा का माहौल खराब करने के लिए कोई बच्चों को बहला फुसलाकर कुछ भी भेज सकता है। 

हम दो हमारे दो का हो प्रचार 
जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने को लेकर उठी मांग पर सलमा ने कहा कि यह बहुत जरूरी है। ये तो बहुत पहले हो जाना चाहिए। हम दो हमारे दो का प्रचार होना चाहिए। कहा काननू नहीं बनाएंगे तो जन संख्या नियंत्रण का फॉलो नहीं करेंगे, बनाते हैं तो इंदिरा गांधी जैसा माहौल भी बन सकता है। 

मॉब लिंचिंग पर लगे लगाम 
एक सवाल के जवाब में सलमा अंसारी ने कहा कि मॉब लिंचिंग पर यूपी लॉ कमीशन द्वारा उम्र कैद की सजा की सिफारिश करना अहम फैसला है। इससे अपराध पर लगाम लग सकेगी। कहा मेरे यहां भी मॉब लिंचिंग के शिकार परिवार के बच्चे पढ़ रहे हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। 


मदरसा में होता है हवन, सब देते हैं आहूति 
सलमा अंसारी के मदरसा में हर माह एक से दो बार हवन होता है। कुरान ख्वानी भी साथ होती है। पंडित हवन कराते हैं। जिसमें ङ्क्षहदू-मुस्लिम सभी आहूति देते हैं। सलमा अंसारी ने बताया कि हवन कराने का मकसद एक दूसरे के धर्म के बार में बच्चों को जानकारी देना है। हवन में आहूति देते समय पंडित जब स्वाह कराते हैं तो बच्चे बड़े खुश होते हैं। मदरसा में एक बार रामलीला भी हुई थी। मौलानाओं ने इस पर आपत्ति भी जताई थी। मुस्लिम बच्चों को रामायण का ङ्क्षहदी में अनुवाद कराकर पढ़ाया जाता है, तो ङ्क्षहदू बच्चों को कुरान शरीफ की आयतें पढ़ाई जाती हैं।


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