अलीगढ़ में दृढ़ इच्छा शक्ति से ही मिलेगी अतिक्रमण से निजात
शहर में नासूर बनी अतिक्रमण की समस्या का समाधान तभी हो सकता है, जब प्रशासन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। शहर में नासूर बनी अतिक्रमण की समस्या का समाधान तभी हो सकता है, जब प्रशासन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करे। यह विचार दैनिक जागरण के ताला नगरी कार्यालय में आयोजित पाठक पैनल में व्यापारी, पार्षद व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रखे। साथ ही प्रशासनिक अफसरों की हीलाहवाली पर सवाल उठाए और कार्रवाई में सहयोग करने का दावा भी किया। पाठकों ने अतिक्रमण से निजात पाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए।
जाम लगने पर किया मंथन
चर्चा की शुरुआत संपादकीय प्रभारी नवीन सिंह पटेल ने की। फिर पाठकों ने सड़क किनारे अतिक्रमण, इससे लगने वाले जाम पर लंबा मंथन किया। खासकर रेहड़ी वालों के जमावड़े, बेलगाम ई-रिक्शा, ऑटो व पार्किंग का मुद्दा प्रमुखता से उठा। डॉ. अमित वर्मा ने कहा कि बड़े शहरों की तरह तकनीकी उपायों से समस्या का समाधान किया जा सकता है, इसके लिए जरूरी है कि आम लोग जागरूक हों। व्यापारी नेता कमल गुप्ता ने कहा प्रशासन अभी तक यह तय नहीं कर सका है कि कितने ई-रिक्शा, ऑटो चलने हैं, किन मार्गों पर चलने हैं, कहां पार्किंग है? जिस तरह वाहनों की संख्या बढ़ी है, उस अनुपात में सड़कों का चौड़ीकरण नहीं हुआ।
व्यापारियों ने हमेशा दिया प्रशासन का साथ
प्रदीप गंगा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने में व्यापारियों ने हमेशा प्रशासन का साथ दिया, मगर कुछ दिन अभियान चलाने के बाद प्रशासन सुस्त पड़ जाता है। प्रमुख बाजारों में वन-वे सिस्टम भी प्रभावी नहीं है। आरटीआइ कार्यकर्ता रामकुमार चौहान ने कहा कि अतिक्रमण, जाम की समस्या के लिए आरटीओ, नगर निगम व पुलिस भी जिम्मेदार है। विभागों में सामंजस्य नहीं है, यही दिक्कत है। मुकेश राजपूत ने कहा कि अतिक्रमण से निजात के लिए आमजन को भी जागरूक होना होगा। हम सुधरेंगे तो बाकी सब में सुधार आएगा।
ये भी रहे मौजूद
प्रदीप कुमार अग्रवाल, शिव कुमार पाठक, अफजाल हमीद, मुकेश सेंगर, राजेंद्र कोल, विशाल ठाकुर, नफीस शाहीन, आमिर आबिद, नरेंद्र कुमार।
वेंडर जोन बने
जागरण पाठकों ने कहा कि शहर में जगह-जगह वेंडर जोन बनाए जाएं। इससे सड़क किनारे रेहड़ी, ढकेलों से होने वाले अतिक्रमण को रोका जा सकता है। प्रशासन इन्हें खाली स्थान दे, जिससे इनका रोजगार भी चलता रहे।
पाठकों के सुझाव
- अतिक्रमण के खिलाफ नियमित अभियान चले, लोगों को जागरूक भी किया जाए।
- ई-रिक्शा, ऑटो का रूट निर्धारण व पार्किंग स्थल तय हो।
- दुकानों के आगे अतिक्रमण न होने दिया जाए।
- सड़क किनारे से पोल हटाकर डिवाइडर पर लगाए जाएं।
- प्रमुख बाजारों में वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावी हो।