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इन बातों का रखेंगे ध्‍यान तो दुर्घटना के चांसेज कम होंगे Aligarh news

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं जागरुकता सप्ताह में छठवें दिन मंगलवार को संभागीय परिवहन कार्यालय के सारथी भवन में सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से वाहन चालकों काे एक दिवसीय फस्र्ट रेस्पांडर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से जोर रहा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:03 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 07:46 AM (IST)
इन बातों का रखेंगे ध्‍यान तो दुर्घटना के चांसेज कम होंगे Aligarh news
सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से वाहन चालकों काे एक दिवसीय फस्र्ट रेस्पांडर प्रशिक्षण दिया गया।

अलीगढ़, जेएनएन। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं जागरुकता सप्ताह में छठवें दिन मंगलवार को संभागीय परिवहन कार्यालय के सारथी भवन में सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से वाहन चालकों काे एक दिवसीय फस्र्ट रेस्पांडर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से जोर रहा। संबंधित वाहन चालकों को विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया।

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दुर्घटना का प्रमुख कारण नींद और थकान

वक्ताओं ने बताया कि दुर्घटना का प्रमुख कारण नींद और थकान है। नींद और थकान पर काबू पाने के लिये पर्याप्त सोना, पानी का सेवन करते रहना, आराम करना, छोटे-छोट भोजन करना तथा व्यायाम करना शामिल है। दुर्घटना का दूसरा कारण वाहन का असुरिक्षत होना है। इसके लिये टायर का दबाव, ब्रेक पैड, तेल और कूलेंट टायर की दशा आदि का ध्यान रखना जरूरी है। दुर्घटना का तीसरा कारण अन्य वाहन चालकों के रोड यूजर के व्यवहार को पहचानना है। इसलिए हमेशा मुड़ने से पहले रियर- मिरर के साथ-साथ अपने दाएं और बाएं भी देखना चाहिए। अचानक वाहन को रोकना या मोड़ना नहीं चाहिए। दुर्घटना का चौथा कारण खराब सड़कें एवं मौसम है। धुंध, कोहरा, वर्षा, आंधी वाले मौसम में धीमी गति से गाड़ी चलानी चाहिए। अंधे मोड़ पर हार्न बजाना चाहिए। दुर्घटना का पांचवा कारण नशा करके वाहन चलाना है। इससे दुर्घटना होने की आशंका दो गुना तक बढ़ जाती है। दुर्घटना का छठां कारण ओवरस्पीडिंग है। इससे वाहन को रोकने का रेस्पांस टाइम कम हो जाता है। जिसके कारण वाहन अचानक रूक नहीं पाता है और दुर्घटना का कारण बनता है। कार्यक्रम में आरटीओ प्रवर्तन फरीदउद्दीन, एआरटीओ प्रवर्तन अमिताभ चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन रंजीत सिंह आदि ने अपने विचार रखे।


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