आएंगे तो हमारे पास ही जाएंगे कहां? फीस बिना रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं देंगे Aligarh news
अलीगढ़ जेएनएन । कोरोना काल में हर वर्ग अलग-अलग तरह से परेशानी का सामना करने काे मजबूर है। शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थी हों तो वे पढ़ाई न पूरी हो पाने की परेशानी में हैं। आनलाइन पढ़ाई भी उनके लिए मुश्किल बनी है।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना काल में हर वर्ग अलग-अलग तरह से परेशानी का सामना करने काे मजबूर है। शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थी हों तो वे पढ़ाई न पूरी हो पाने की परेशानी में हैं। आनलाइन पढ़ाई भी उनके लिए मुश्किल बनी है। वहीं शिक्षकों की बात हो खासतौर से वित्तविहीन कालेजों के शिक्षकों की बात हो तो उनको विद्यालय न खुलने से फीस न मिलने की टेंशन है। बात भी सही है विद्यालय न खुलने से फीस नहीं आ रही, जिससे शिक्षकों का मानदेय तक नहीं निकल पा रहा। मगर अब वित्तविहीन शिक्षक रजिस्ट्रेशन नंबर को हथियार बनाने की रणनीति बना रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन नंबर को बनाया हथियार
वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने रजिस्ट्रेशन नंबर को ही हथियार बनाने की योजना बनानी शुरू कर दी है। उनकी ये योजना कितनी सफल होती है? ये तो वक्त ही बताएगा। कोरोना काल में यूपी बोर्ड ने पहली बार हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं निरस्त कर विद्यार्थियों को प्रमोट कर अगली कक्षा में भेजने का फैसला किया है। ऐसे में परीक्षाएं न होने से विद्यार्थियों का प्रवेश पत्र भी जारी नहीं हुआ। इसलिए उनको रोल नंबर नहीं दिया जा सका। अब बोर्ड परिणाम जारी करेगा तो रोल नंबर न होने से विद्यार्थी परिणाम कैसे देखेंगे? इसके लिए यूपी बोर्ड ने हर विद्यार्थी को आनलाइन माध्यम से अपने कालेज का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर आदि डालकर वेबसाइट पर परिणाम देखने की व्यवस्था की है। इसके लिए विद्यार्थियों ने भी रजिस्ट्रेशन नंबर लेने के लिए विद्यालयों में फोन करने शुरू किए हैं। ऐसे में कोरोना काल में जिन विद्यार्थियों ने कालेज बंद होने से फीस नहीं जमा की, उनसे फीस लेने की योजना शिक्षकों ने बनाई है। शिक्षकों ने अपने इंटरनेट मीडिया ग्रुप पर संदेश डाले हैं कि रजिस्ट्रेशन नंबर लेने कहां जाएंगे? आएंगे तो हमारे पास ही। बिना फीस व पिछले ड्यूस का भुगतान किए रजिस्ट्रेशन नंबर देने की व्यवस्था न की जाए। कुछ विद्यार्थी जिन्होंने छात्रवृत्ति के आवेदन किए हैं उन्हीं के पास रजिस्ट्रेशन नंबर हैं। ऐसी अपील इंटरनेट मीडिया के ग्रुप पर की गई है। हालांकि अभी अफसरों या शासन की ओर से विद्यार्थियों से फीस लेकर रजिस्ट्रेशन नंबर देने के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
इनका कहना है
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन नंबर उनके विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से प्राप्त होगा। अभी इसके लिए फीस लेने जैसी कोई बात नहीं आई है। अगर शिकायत मिलती है तो संबंधित कालेज के प्रधानाचार्य या प्रबंधक से बात की जाएगी।