स्कूल खुलेंगे तो खुलेंगी शिक्षकों की ‘पासबुक’, शासन से रखी जाएगी नजर, विस्तार से जानिए मामला Aligarh News
24 अगस्त से कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूलों को खोलकर विद्यार्थियों की आफलाइन माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। मगर स्कूलों के खुलने के साथ ही शिक्षकों की पासबुक भी खुलेगी। मगर ये पासबुक बैंक खाते वाली नहीं होगी
अलीगढ़, जेएनएन। 24 अगस्त से कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूलों को खोलकर विद्यार्थियों की आफलाइन माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। मगर स्कूलों के खुलने के साथ ही शिक्षकों की पासबुक भी खुलेगी। मगर ये पासबुक बैंक खाते वाली नहीं होगी बल्कि विद्यार्थियों को पढ़ाई कराने वाली होगी। इसके जरिए शिक्षकों के शिक्षण कार्य पर शासनस्तर से नजर रखी जा सकती है। हर शिक्षक की लर्निंग पासबुक रोजाना मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
यह है मामला
काेरोना काल का आनलाइन शिक्षा का वक्त हो या उसके बाद आफलाइन शिक्षा का समय हो, गुरुजी के शिक्षण का ब्योरा लर्निंग पासबुक में सुरक्षित रहेगा। हर शिक्षक की लर्निंग पासबुक बनाने का काम शुरू किया जा चुका है। शासनस्तर से निर्णय किया गया है कि शिक्षक को अपनी आनलाइन शिक्षण सामग्री का डेबिट-क्रेडिट एक क्लिक पर पता चल सके। दीक्षा एप के जरिए इस व्यवस्था को शुरू किया गया है। इस एप की हर गतिविधि को मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। इस पर शासनस्तर से निगरानी भी होगी। इस एप पर शिक्षकों के लिए हर हफ्ते का कोर्स तैयार किया गया है। साथ ही विद्यार्थियों के लिए भी कोर्स तैयार किए गए हैं। डिजिटल डायरी की तर्ज पर काम करने वाली लर्निंग पासबुक से पता चलेगा कि शिक्षक ने अपने लिए तैयार कोर्स को कितना जाना है? क्या समझा है? और विद्यार्थी को उसमें से कितना व क्या पढ़ा पाए हैं? इसकी मदद से शिक्षक खुद अपनी प्रगति की समीक्षा कर उसे और बेहतर करने का प्रयास कर सकेंगे। बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने बताया कि, लर्निंग पासबुक शिक्षकों के लिए काफी हितकर साबित होगी। शिक्षा गुणवत्ता भी बढ़ेगी। हर शिक्षक की लर्निंग पासबुक तैयार कराने का काम जल्द पूरा कराया जाएगा।