अलीगढ़, जेएनएन । सरकारी कोविड केयर सेंटरों में बेड और आक्सीजन संकट से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डिस्चार्ज पालिसी में बदलाव किया है। लक्षणविहीन व हल्के लक्षण वाले मरीज पहले से ही होम आइसोलेट किए जा रहे हैं। अब कोविड सेंटरों में भर्ती ऐसे मरीज, जिनकी सेहत में सुधार है और गंभीर समस्या नहीं तो उन्हें डिस्चार्ज करते हुए होम आइसोलेट किया जाएगा। यदि हल्की-फुल्की परेशानी होगी तो एल-वन हास्पिटल में शिफ्ट किए जाएंगे। अधिकारियों का मानना हैे कि नई डिस्चार्ज पालिसी से अधिक से अधिक गंभीर मरीजों को कोविड अस्पताल में बेड, आक्सीजन, वेंटीलेटर व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर जान बचाई जा सकेगी।
सेहत पर नजर रखेगा विभाग
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि नई डिस्चार्ज पालिसी के अनुसार होम आइसोलेशन शुरू होने से 10 दिन तक इंटीग्रेटेड कोविड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए फोन कर रोगियों में लक्षण विकसित होने के बारे में जानकारी ली जाएगी। हालांकि, होम आइसोलेट करने से पूर्व रैपिड रिस्पांस टीम मरीज के घर पर जाकर होम आइसोलेशन की सारी पात्रता की जांच करेगी। रोगी के घर में अलग कमरा और शौचालय अनिवार्य है। ऐसा न होने पर उसे एल-1 हास्पिटल में रखा जाएगा। इस बीच स्वास्थ्य कर्मी रोगी के शरीर का तापमान, श्वसन दर, आक्सीजन सेचुरेशन की दिन में तीन बार जांच करेंगे। ऐसे मरीज को प्रारंभिक जांच के 10वें दिन या भर्ती होने के सातवें दिन बिना जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। जबकि, होम आइसोलेशन में सात दिन रहना होगा। आमतौर पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अकेले ही आइसोलेट किया जाता है, लेकिन किसी परिवार में एक साथ अनेक लोग संक्रमित हो गए तो सभी एक कक्ष या घर में आइसोलेट रह सकते हैं। एक शौचालय का प्रयोग भी कर सकते हैं।
मध्यम तीव्रता श्रेणी वाले मरीजों को एल-टू या थ्री अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग ने मध्यम तीव्रता श्रेणी में उन मरीजों को रखा है, जिनमें लोअर रेस्पिरेट्री टै्रक्ट इंफेक्शन के लक्षण हो। खांसी, बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत, नेजल फ्लेयरिंग, पसली चलना, तेज सांस की परेशानी वाले मरीजों को एल-टू या एल-थ्री में भर्ती किया जाएगा। इलाज के बाद यदि मरीज को आक्सीजन की जरूरत नहीं है और उसमें लक्षण भी प्रदर्शित नहीं हो रहे तो जांच के बाद होम आइसोलेशन के लिए डिस्चार्ज किया जाएगा।