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अलीगढ़ में शाखाओं पर होगी होली, बिखरेगा समरसता का रंग Aligarh news

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस बार होली का टोला नहीं निकालेगा। इसलिए शाखाओं पर रविवार को होली मिलन समारोह आयोजित किए जाएंगे। जिले में 150 के करीब शाखाएं हैं जहां स्वयंसेवक एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाएंगे। साथ ही समरसता का संदेश देंगे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 11:43 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 11:46 AM (IST)
अलीगढ़ में शाखाओं पर होगी होली, बिखरेगा समरसता का रंग Aligarh news
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस बार होली का टोला नहीं निकालेगा।

अलीगढ़, जेएनएन : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस बार होली का टोला नहीं निकालेगा। इसलिए शाखाओं पर रविवार को होली मिलन समारोह आयोजित किए जाएंगे। जिले में 150 के करीब शाखाएं हैं, जहां स्वयंसेवक एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाएंगे। साथ ही समरसता का संदेश देंगे। शाखा पर होली के गीत भी गाए जाएंगे।

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होली से पहले निकलता है टोला

आरएसएस होली के एक दिन पहले होली का टोला निकालता है। 40 साल पुरानी यह परंपरा है। पूरे जिले से प्रमुख स्वयंसेवक द्वारिकापुरी स्थित कार्यालय पर पहुंचते हैं। यहां एकत्रीकरण होता है। संघ की प्रार्थना होती है। इसके बाद होली का टोला बाजार की ओर निकल पड़ता है। संघ के प्रचार प्रमुख भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि द्वारिकापुरी से स्वयंसेवक आगरा रोड पहुंचते हैं। यहां से बड़ा बाजार, फूल चौक, महावीरगंज होते हुए बारहद्वारी पहुंचते हैं। रास्ते में जमकर अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है। बाजारों में लोग अपने-अपने घरों की छतों से रंग उड़ेलते हैं। टोला में कोई ऐसा नहीं कि जो रंग से सराबोर न हो। स्वयंसेवक होली के साथ देशभक्ति के गीत गाते हुए चलते हैं। नृत्य पर झूमते नजर आते हैं। भारत माता-वंदेमातरम का जयघोष लगाते हैं। देशभक्ति की बयार बह निकलती है। उल्लास और उमंग से सब भर उठते हैं। भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार होली का टोला नहीं निकलेगा। एक बार फिर कोरोना के तेजी से बढ़ने के चलते यह निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। 

समरस रहे सब 

भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि संघ की शाखाओं पर होली के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। रविवार को सुबह संघ स्थान पर स्वयंसेवक शाखा लगाएंगे। संघ के कार्यक्रम के बाद प्रार्थना होगी। उसके बाद होली के गीत होंगे। फिर एक-दूसरे को सभी रंग से सराबोर कर देंगे। शाखा से जुड़ी बस्तियों में स्वयंसेवक जाएंगे, वहां पर भी अबीर-गुलाल लगाएंगे। भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि संघ का कार्य जोड़ने का है, इसलिए बड़े तीज-त्योहारों को संघ बस्तियों के साथ मनाता है। जिससे बस्तियों के लोगों का संघ से जुड़ाव हो, साथ ही समरसता की भावना पैदा हो। इसलिए बस्तियों में संघ के पदाधिकारी चाय-जलपान आदि भी करने से पीछे नहीं हटते हैं। बच्चों के बीच में भी संस्कार की बातें बताते हैं, जिससे वह भी संघ से जुड़ सकें। 

राष्ट्र है सर्पोपरि 

विभाग सह संघचालक ललित कुमार का कहना है कि होली का टोला न निकलने से काफी स्वयंसेवक मायूस हैं। शनिवार को तमाम लोगों के फोन आए, मगर कोरोना को देखते हुए टोला निकालना उचित नहीं था। क्योंकि होली का टोला में सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक होते हैं, इसलिए नियमों का पालन करना संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि हम सभी राष्ट्र को सर्पोपरि मानते हैं। अनुशासन के अंर्तगत रहकर कार्य करते हैं। इसलिए संघ में तरलता होती है। किसी अन्य को कोई दिक्कत न हो इसलिए कार्यक्रमों को परिविर्तत करने में कोई समस्या नहीं होती है। सभी लोग सुखी और निरोगी रहे यही हमारी भगवान से कामना है। ललित ने बताया कि स्वयंसेवकों से शाखाओं पर होली मनाने को कहा गया है, वहां पर नियमों का पालन करते हुए वह उत्सव मना सकते हैं। बस्तियों में जाकर वह लोगों को अबीर-गुलाल भी लगा सकते हैं।


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