हर ओर होली की खुमारी, माहौल खराब न हो इसके प्रत्याशियों को निभानी होगी जिम्मेदारी Aligarh news
होली की खुमारी चारों ओर छायी हुई है। बाजार में रंग-पिचकारी की दुकानें सजी हुई हैं तों घरों में व्यंजन बनाए जा रहे हैं। यह पर्व भक्ति की शक्ति का प्रतीक भी है। जिसे हर साल हर्षोल्लास से मनाते हैं। एक-दूसरे के गले मिलकर प्यार का संदेश देते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन : होली की खुमारी चारों ओर छायी हुई है। बाजार में रंग-पिचकारी की दुकानें सजी हुई हैं तों घरों में व्यंजन बनाए जा रहे हैं। यह पर्व भक्ति की शक्ति का प्रतीक भी है। जिसे हर साल हर्षोल्लास से मनाते हैं। एक-दूसरे के गले मिलकर प्यार का संदेश देते हैं। होली के कुछ दिन बाद ही पंचायत चुनाव हैं। पांच साल बाद गांव की सरकार का चयन होना है। ये चुनाव जितने महत्वपूर्ण हैं उतने ही संवेदनशील। चुनाव मैदान में उतरने जा रहे प्रत्याशी और उनके समर्थकों की जिम्मेदारी बनती है कि वो गांव का माहौल शांत रखने में भी जोर लगाएं। होली पर सभी को इस सोच के साथ प्यार-मोहब्बत का रंग बरसाना होगा कि चुनाव तो आते हैं, नेताओं का चयन होता है, लेकिन गांव के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है। सभी एक एकजुट रहेंगे तो होली की तरह हर रोज प्यार का रंग बरसेगा।
उनका तबादला हुआ क्या
पिछले एक माह के दौरान जितनी भी तबादला सूची जारी हुईं उन पर राजनेताओं से लेकर अधिकारियों की कुछ ज्यादा ही नजर रही। जैसे ही सूची जारी होती थी, पहला सवाल होता था ‘उनका’ तबादला हुआ क्या? तबादला पाए अफसरों का नाम जानकर ऐसे शांत हो जाते थे जैसे इनके किसी अपने का नाम रह गया हो। ऐसा शायद ही किसी तबादला सूची के जारी होने के बाद न हुआ हो। शुक्रवार को जारी हुई आइपीएस अफसरों की सूची पर तो घंटों चर्चा हुई। इससे उन्हें उम्मीद भी बंधी कि एक और सूची जारी हो सकती है। लेकिन, पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से मन की मन में रह गई। जिस साहब का नाम ट्रांसफर सूची में देखने की लालसा पाले हुए थे उस पर बिराम लग गया। शनिवार को भी कुछ आइपीएस की तबादला सूची सामने आई। इसके बाद फिर से किसी करिश्मा के होने की आस लगाए हैं।
संभलना तो पड़ेगा ही
कोरोना के केस जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं वो चिंता का ही विषय हो सकता है। इससे बचाव के लिए फिर से मजबूत चेन बनाने की जरूरत है। तभी इस बीमारी से जीत हासिल कर सकते हैं। ये सप्ताह हमारे लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। होली पर एक-दूसरे के गले मिलने, आयोजनों में शामिल होने का सिलसिला पहले से ही शुरू हो चुका है। कोरोना के इस संकट के बीच जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। इससे बचनेे के लिए फिर से मजबूत चेन बनानी होगी। मास्क पहनने की आदत डालनी होगी। शारीरिक दूरी का पालन करते हैं तो अौर भी अच्छी बात है। पिछले साल इसी सजगता से वायरस को मात दी थी। इसके लिए सभी को जिम्मेदारी निभानी होगी। होली पर विशेष ध्यान देना होगा। एक-दूसरे को रंग-गुलाल में खूब रंगे, लेकिन ऐसा भी न हो कि परेशानी झेलनी पड़ जाए।
जिसका गिफ्ट भारी...
पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजते ही गांव में नई हवा चलने लगी है। हर नुक्कड़ चौराहे पर चुनावी चर्चा तो हो ही रही दावेदारों की मजबूती भी तौल रहे हैं। इसकी परख गिफ्ट आयटमों को देखकर भी हो रही है। जिसका गिफ्ट भारी है उसके नंबर बढ़ जाते हैं। जैसे ही गिफ्ट का भार कम होता है भाव जमीन पर आने में देर भी नहीं लगती। इसका ध्यान दावेदार भी रख रहे हैं। उन्हें पता है कि अगर ये रूठ गए तो सारी तैयारी धरी की धरी रह जाएंगी। इस लिए जेब की तरफ नहीं देख रहे। इस लिए हर दावेदार मतदाताओं को ईश्वर से कम नहीं समझ रहा। बुजुर्ग लोगों के पैर तो तभी छोड़ते हैं जब जीतने का आशीर्वाद नहीं मिल जाता। मतदाताओं के दोनों हाथों में फिलहाल लड्डू नजर आ रहे हैं। उन्हें पता है चुनाव से पहले जितना आनंद उठा लो वो कम ही है, चुनाव जीतने के बाद तो नेताजी हाथ नहीं आते। होली पर तो ये आनंद और भी परवान चढ़ने वाला है।