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अलीगढ़ में अधिक तापमान से घट सकती है गेहूं की पैदावार Aligarh News

निरंतर बदल रहा तापमान फसलों के लिए बेहद नुकसानदायक है। खास बात यह है कि फसलों काे अधिकतम तापमान खतरनाक है। इस समय अधिकतम तापमान करीब 27 डिग्री व न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस है। इसमें सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को हो सकता है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 01:53 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 01:53 PM (IST)
अलीगढ़ में अधिक तापमान से घट सकती है गेहूं की पैदावार Aligarh News
निरंतर बदल रहा तापमान फसलों के लिए बेहद नुकसानदायक है।

अलीगढ़, जेएनएन। निरंतर बदल रहा तापमान फसलों के लिए बेहद नुकसानदायक है। खास बात यह है कि फसलों काे अधिकतम तापमान खतरनाक है। इस समय अधिकतम तापमान करीब 27 डिग्री व न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस है। इसमें सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को हो सकता है। इसका इस समय गेहूं की फसल में फूल व फल बन रहा है। तापमान बढ़ने से अपरिपक्व फसल ही पक जाएगी। इससे दाना हल्का रहेगा जो फसल की पैदावार को प्रभावित करेगा। अन्य फसलों के लिए इस तापमान से अधिक असर नहीं है।

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फसलों को 18 से 20 डिग्री तापमान चाहिए

जनपद में रबी सीजन की प्रमुख फसलें गेहूं, आलू व सरसों हैं। गेहूं का रकबा 2.16 लाख हेक्टेयर है, आलू का 27500 हेक्टेयर और सरसों का रकबा 20 हजार हेक्टेयर है। जौ, मसूर भी इसी सीजन में किसान करते हैं। इन फसलों के लिए सर्दी का मौसम मुफीद होता है। कम तापमान में फसलों की ग्रोथ अच्छी होती है। मार्च में फसलों के पकने का समय होता है। उप कृषि निदेशक (शोध) डा. वीके सचान बताते हैं कि इस बार सर्दी का मौसम देर से शुरू हुआ और फरवरी में ही तापमान बढ़ने लगा। जबकि, इस माह गेहूं, सरसों, जौ, मटर व मसूर के दाने ग्रोथ करते हैं। माह के अंत में पकना शुरू होते हैं। इसके लिए 18 से 20 डिग्री तापमान चाहिए। जबकि, तापमान काफी बढ़ गया है। वक्त से पहले फसलें पकने लगी हैं। पत्तियां पीली पड़ रही हैं। दाने फूल नहीं रहे। बढ़ रहे तापमान का असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा। गुणवक्ता पर भी असर पड़ सकता है। आलू को भी यह मौसम प्रभावित करेगा। पांच फीसद आलू का उत्पादन घटने की संभावना है। इसमें किसान भी कुछ नहीं कर सकता।  सर्दी के इस मौसम में 15 दिन ही कड़ाके की ठंड रही। जबकि, फसलों के लिए कम से कम 30 दिन ठंडा मौसम चाहिए। कृषि अधिकारी बताते हैं कि रबी सीजन की फसलों के जब पकने की प्रक्रिया शुरू होती है तो तापमान बढ़ने से गुणवक्ता प्रभावित होती है। इस बार पाला भी नहीं पड़ा। इसीलिए पैदावार बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन, अब तापमान बढ़ने से उत्पादन प्रभावित होने की आशंकाएं जन्म ले रही हैं।


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