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Hello Jagaran : बच्चों को धूप से बचाएं, पानी खूब पिलाएं

गर्मी के मौसम में तमाम बच्चे उल्टी दस्त डायरिया व अन्य संक्रामक बीमारियों की चपेट में हैं। वजह गर्मी के साथ साफ-सफाई व खानपान को लेकर बरती गई लापरवाही भी है।

By Edited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 08:14 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 09:13 AM (IST)
Hello Jagaran : बच्चों को धूप से बचाएं, पानी खूब पिलाएं
Hello Jagaran : बच्चों को धूप से बचाएं, पानी खूब पिलाएं

अलीगढ़ (जेएनएन)। गर्मी के मौसम में तमाम बच्चे उल्टी, दस्त, डायरिया व अन्य संक्रामक बीमारियों की चपेट में हैं। वजह गर्मी के साथ साफ-सफाई व खानपान को लेकर बरती गई लापरवाही भी है। बच्चों को ऐसी बीमारियों से बचाव व इलाज के लिए क्या करें माता-पिता? हेलो जागरण में मसूदाबाद चौराहा स्थित मक्खनलाल हॉस्पिटल एवं नवजात शिशु केयर सेंटर के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील गुप्ता ने इसी पर परामर्श दिया।

तीन साल के बेटी उल्टी-दस्त से ग्र्रस्त हैं। दवा से फायदा नहीं मिल रहा। बुखार भी है। - भावना, चंडौस।

- वह संक्रमण की चपेट में आ गई है। बच्चों को धूप से बचाएं, उसे ओआरएस का घोल पिलाएं। डॉक्टर की सलाह से वोमीकाइंड टेबलेट व एंट्रॉजर्मिना (एक खुराक) दें।

छह माह की बेटी है। दिन में 10-12 बार लैट्रिन कर रही है। गाय का दूध पिलाती हूं। - सरिता, सासनी गेट।
- गाय के दूध में पानी न मिलाएं। बोतल की बजाय चम्मच से ही दूध पिलाएं। अब अरहर व मूंग की दाल, केला आदि खिलाने भी शुरू कर दें। चिकित्सक की सलाह से दवा भी लें।

ढाई साल के बेटे को शुगर हैं। नियमित इंसुलिन लेनी पड़ती है। इंसुलिन न लेनी पड़े, कोई उपचार संभव है। - कोमल सिंह, हाथरस।
- टाइप-1 डाइबिटीज में इंसुलिन बनती ही नहीं। इसलिए जीवनभर लेनी पड़ेगी। चिंता मत करिए, लाखों बच्चे इंसुलिन लेकर सामान्य जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।

एक माह का बेटा दूध पलटता है। शरीर पर दाने से हो गए हैं। कोई उपचार बताएं। - पायल, खिरनी गेट।

- उसे दूध पच नहीं रहा है। तीन-तीन घंटे पर ही दूध पिलाएं और फिर कंधे पर लिटाकर डकार दिलाएं। पेट के बल सुलाने से भी लाभ मिलेगा। तेल की मालिश से दाने हुए हैं, गर्मी में मालिश न करें। खूब पानी पिलाएं।

मेरे पांच माह के बेटे को पहले निमोनिया हो गया। माथा, पंजे व हथेलिया गरम रहती हैं। चिड़चिड़ा भी है। - सीमा, स्वर्ण जयंती नगर।
सभी छोटे बच्चों का सिर गरम रहता है। पेट से बुखार का पता चलता है। कोई समस्या हो तो चिकित्सक को दिखाएं।

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ये रखें ध्यान
- शिशुओं को मां का दूध ही पिलाएं।
- बोतल के दूध से संक्रमण का खतरा रहता है।
- बच्चों को कोई भी चीज मुंह में न डालने दें।
- दस्त होने पर तुरंत ओआरएस पिलाएं।
- दस्त से ग्र्रस्त बच्चा बेहोशी जैसी अवस्था में हैं, ओआरएस या दूध भी नहीं पी रहा तो तुरंत भर्ती कराएं।


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