अलीगढ़, जेएनएन। बदलती जीवन शैली, अधिक उम्र में शादी, तंबाकू व एल्कोहल का इस्तेमाल, गलत खानपान, हार्मोंन, अनुवांशिक व अन्य कारणों से स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। महिलाएं ही नहीं, पुरुषों में भी स्तन कैंसर देखा जा रहा है। समय से जाचं व इलाज न कराने से यह खतरनाक रूप ले लेता है। इसलिए छाती व बगल में किसी भी तरह की गांठ, सूजन, रिसाव या बदलाव महसूस होने पर तुरंत स्क्रीनिंग कराएं। यदि कोई शंका होगी तो अन्य जांच कराकर तत्काल इलाज शुरू होगा। यह सलाह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के प्रो. मोहम्मद असलम ने दी। प्रोफेसर साहब बुधवार के दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘हेलो डाक्टर’ कार्यक्रम में पाठकों के सवालों को जवाब दे रहे थे।
मेरी एक 47 वर्षीय रिश्तेदार के स्तन में चार-पांच इंच की फुंसी सी बन गई है। पानी भी रिसता है। यह स्तन कैंसर तो नहीं हैं।- नरेश कुमार।
यह स्तन कैंसर का बड़ा लक्षण हैं। इसकी और अनदेखी न करें। तुरंत विशेषज्ञ से मिलें या मेडिकल कालेज में जाकर स्क्रीनिंग कराएं, ताकि अन्य जांच व उपचार समय से शुरू हो सके।
मेरी उम्र 50 साल है। तीन-चार माह से मेरे स्तन में बड़ी गांठ हो गई है। हालांकि, इसमें दर्द बिल्कुल नहीं हैं। - रीना।
स्तन में गांठ को हल्के में न लें। स्तन कैंसर की प्रारंभिक स्टेज में दर्द नहीं होता है। इसलिए मरीज टालता रहता है। यह गलत है। स्तन में गांठ या अन्य कोई बदलाव दिखे तो तुरंत जांच करानी चाहिए।
मेरी पत्नी की उम्र 22 वर्ष है। उसके एक स्तन व दोनों बगलों में गांठ दिखाई दे रही हैं, जो काफी मोटी हैं। कोई चिंता की बात तो नहीं। - महावीर।
स्तन या बगल में कोई भी गांठ या बदलाव स्तन कैंसर हो सकता है। चिंता करने की बजाय तुरंत स्क्रीनिंग कराएं।
क्या स्तन कैंसर का इलाज क्या है? कुछ जानकारी दीजिए। - उर्मिला देवी।
इसका इलाज स्टेज पर निर्भर करता है। पहले फिजिकल जांच होती है, उसके बाद अन्य जांच। वर्तनाम में सर्जरी, रेडियो थैरेपी कीमोथेरेपी, टार्गेटिव थैरेपी, इम्योनोथेरेपी आदि तरीकों से से स्तन कैंसर का इलाज होता है।
किस तरह का स्तन कैंसर जानलेवा होता है। - सईदा बेगम।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्तन कैंसर को तीन स्टेज टीएनएम (ट्यूमर, नोड्स, मेटास्टेसिस) में बांटा और स्वीकार किया गया है। पहली स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं स्तन के ऊतकों के अंदर होती हैं। नोड्स में स्तन से आगे बढ़ जाता है। मेटास्टेसिस में यह फैफड़े, ब्रेन, लिवर आदि तक फैल जाता है। हड्डी में फ्रैक्चर तक हो जाता है। दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है। यादाश्त पर असर पड़ने लगता है। इसमें मरीज की क्वालिटी लाइफ घट जाती है। इलाज न हो तो मरीज की मृत्यु संभावित है।
इन्होंने भी लिया परामर्श
अलीगढ़ से राजेश्वरी, मनोज वार्ष्णेय, प्रदीप कुमार, अकराबाद से सुशीला देवी, चंडौस से रंजीता, अतरौली से मयंक चौधरी, जवां से रविंद्र सिंह, टप्पल से घनश्याम, बरौली में सतवीर सिंह, बिजौली से राघव सिंह, छर्रा से फारुख अहमद, शमीम आदि।
स्तन कैंसर के कारण
- अनियमित जीवनशैली
- व्यायाम न करना
- संतुलित आहार न लेना
पारिवारिक इतिहास
- 12 साल से पहले माहवारी
- अधिक उम्र में मीनोपोज
- अधिक उम्र में शादी
- 30 साल की उम्र के बाद मां बना
- शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग न कराना।
- रेडिएशन से कोई इलाज कराना
- एलकोहल व तंबाकू का प्रयोग
- हार्मोनल