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हाथरस कांडः सीबीआइ ने वीडियो और ओडियो खंगालें, गांव बूलगढ़ी में पुलिस तैनात ex

14 सितंबर को गांव बूलगढ़ी की युवती पर हमला हुआ। घायल युवती अपने स्वजन के साथ थाना चंदपा गई और फिर जिला अस्पताल। यहां से उसे गर्दन पर चोट होने के कारण जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ रेफर कर दिया था।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 04:33 PM (IST)
हाथरस के गांव बूलगढ़ी में घटनास्थल पर सीबीआइ के अधिकारी

जेएनएन, हाथरस।  हाथरस कांड की जांच सीबीआइ ने तेज कर दी है। करीब दस दिन से इसके लिए टीम के पंद्रह सदस्य हाथरस में डेरा डाले हुए हैं। बुधवार को टीम चंदपा थाने भी गई। इस कांड से संबंधित वायरल हुई वीडियो व ओडियो भी टीम के सदस्य खंगाल रहे हैं। टीम ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है, जिन्हें घटना की अधिक जानकारी हो। अब तक ऐसे दो लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें एक घटना वाले खेत का मालिक और दूसरा चिलिंग प्लांट में काम करने वाले आरोपित युवक का साथ है। 

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क्या हुआ था 

14 सितंबर को गांव बूलगढ़ी की युवती पर हमला हुआ। घायल युवती अपने स्वजन के साथ थाना चंदपा गई और फिर जिला अस्पताल। यहां से उसे गर्दन पर चोट होने के कारण जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ रेफर कर दिया था। यहां से दिल्ली रेफर कर दिया गया, जहां मौत हो गई। इसके बाद पूरे देश में गुस्सा देखा गया। धरना-प्रदर्शन तक हुए। हाथरस में बवाल हुआ। हंगामा करते लोगों पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज व आंसूगैस के गोले भी छोड़ने पड़े। तभी से गांव में पुलिस तैनात है। 

पीएफआइ सदस्यों से पूछताछ कर सकती है पुलिस

मथुरा में पकड़े गए पीएफआइ सदस्यों के नाम हाथरस के चंदपा कोतवाली में दर्ज मुकदमे में शामिल किए चुके हैं। हाथरस पुलिस बी-वारंट मथुरा जेल में पहले ही दाखिल कर चुकी हैं। स्थानीय न्यायालय में ऑनलाइन पेशी के बाद अब स्थानीय पुलिस आरोपितों से पूछताछ की तैयारी में है। क्राइम ब्रांच इस मामले की विवेचना कर रही है। क्रामइ ब्रांच की टीम पूछताछ के लिए मथुरा जेल जा सकती है।

एसआइटी टीम पर सभी की निगाहें

एसआइटी टीम द्वारा मांगे गए समय की अवधि पूर्ण हो जाने के बाद अब सभी की निगाहें उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस फाइनल रिपोर्ट में किस पर क्या एक्शन होगा। इसकी भी सभी को प्रतीक्षा है।सीबीआइ पहुंची कोतवाली चंदपा, छानबीन 

सीबीआइ की टीम बुधवार की सुबह ग्यारह बजे कोतवाली चंदपा पहुंच गई। वहां टीम ने बूलगढ़ी प्रकरण से संबंधित सभी दस्तावेज फिर से देखे। इसके बाद निलंबित इंस्पेक्टर डीके वर्मा व अन्य पुलिस कर्मियों से दोबारा पूछताछ की जा रही है। डीके वर्मा ने ही पीड़ितों की ओर से दी गई पहली तहरीर पर मामला दर्ज किया था। 

मृतका की भतीजी की हालत बिगड़ी 

बूलगढ़ी की मृतका की डेढ़ वर्षीय भतीजी की बुधवार को बुखार के कारण हालत बिगड़ गई। उसे शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में स्वजन के साथ कड़ी सुरक्षा में एंबुलेंस से लाया गया। उपचार के बाद वापस घर भेज दिया गया।  सुरक्षा की कमान इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप सिंह संभाले थे। साथ ही पुलिस बल व पीएसी भी थी।


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