Hathras Case : बेटी की मौत से हाथरस में उबाल, जगह जगह प्रदर्शन, पुलिस से प्रदर्शनकारियों की झड़प
बूलगढ़ी की दुष्कर्म पीडि़ता 15 दिन बाद जिंदगी से जंग हार गई। उसकी मौत की खबर से हाथरस में समाज के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। वाल्मीकि समाज के लोगों ने शहर के प्रमुख तालाब चौराहा और रेलवे क्रॉसिंग जाम कर दिया।
हाथरस जेएनएन : बूलगढ़ी की दुष्कर्म पीडि़ता 15 दिन बाद जिंदगी से जंग हार गई। उसकी मौत की खबर से हाथरस में समाज के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। वाल्मीकि समाज के लोगों ने शहर के प्रमुख तालाब चौराहा और रेलवे क्रॉसिंग जाम कर दिया। बाजारों में भी मार्च निकाला। शाम को कांग्रेसियों ने कैंडल मार्च निकाला।
'बिटिया हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं. . .
'बिटिया हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, बिटिया के हत्यारों को फांसी दो, फांसी दो' जैसे नारे लगाते हुए वाल्मीक समाज के लोग बड़ी संख्या में मंगलवार की दोपहर ठीक डेढ़ बजे तालाब चौराहे पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। गुस्से में तमतमाए युवाओं के हाथों में पट्टिका थी जिन पर नारे लिखे हुए थे। एकाएक हुए इस हंगामे से पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए। युवाओं ने तालाब चौराहा ही नहीं, बल्कि रेलवे क्रॉङ्क्षसग पर गार्डर और पत्थर डालकर उसे बाधित कर दिया। इस दौरान पुलिस से प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग जहां के तहां जाम में फंसे रह गए। करीब एक घंटे बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने न्याय दिलाने और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम को खुलवाया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी शामिल हो गए थे। प्रदर्शन के दौरान मथुरा, कासगंज रोड पर लंबा जाम लग गया
गुस्से के गुबार में सियासत की एंट्री
वाल्मीकि समाज के लोग भीषण गर्मी के बीच नारेबाजी कर इंसाफ की गुहार लगा रहे थे। भीड़ का गुस्सा सातवें आसमान पर था। तभी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य आ गए और एक बाइक पर खड़े होकर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने के लिए बुलाने लगे, मगर भीड़ उनको सुनने नहीं गई। मजबूरन, उनको बाइक से उतरकर भीड़ के साथ सड़क पर बैठना पड़ा, फिर प्रदर्शन कारियों का साथ देने का वादा किया। इस दौरान उनकी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से झड़प भी हुई।
कई थाने का फोर्स व पीएसी मुस्तैद
डेढ़ बजे शुरू हुआ जाम जब खुलने का नाम नहीं ले रहा था तब कंट्रोल पर संदेश प्रसारित हुआ कि कुछ थाने का फोर्स फौरन तालाब चौराहा पर पहुंचे। सूचना पर सीओ सिकंदराराऊ सुरेंद्र ङ्क्षसह और तहसीलदार प्रवीण कुमार शर्मा, कुछ थानों की पुलिस के साथ आ गए। मगर भीड़ उनके आश्वासन भर से जाम खोलने को तैयार नहीं थी। कई बार पुलिस ने जाम खुलवाने की कोशिश की, मगर कोई सुनने को तैयार नहीं था। बड़ी मुश्किल से जाम खुला। तालाब चौराहे पर प्रदर्शन खत्म कर पंजाबी मार्केट की ओर पहुंचे वाल्मीकि समाज के लोगों की नारेबाजी को देख कर खरीदारी करने आए ग्राहक इधर उधर खिसक गए। उन्हें आशंका थी कहीं कुछ हो न जाए।