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MP Amar Singh : अमर सिंह के पिता के नाम पर है अलीगढ़ शहर में हरि नगर

अलीगढ़ से गहरा नाता था। पूर्व समाजवादी नेता और राज्यसभा सदस्य रहे अमर सिंह का जन्म अलीगढ़ में हुआ था। उनके दादा विश्वनाथ सिंह ने यहां ताले का कारोबार शुरू किया था।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:21 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:21 AM (IST)
MP Amar Singh : अमर  सिंह के पिता के नाम पर है अलीगढ़  शहर में  हरि नगर
MP Amar Singh : अमर सिंह के पिता के नाम पर है अलीगढ़ शहर में हरि नगर

अलीगढ़ [जेएनएन]:  उत्‍‍‍‍‍तर प्रदेेेेश के जनपद अलीगढ़ से गहरा नाता था। पूर्व समाजवादी नेता और राज्यसभा सदस्य रहे अमर सिंह का जन्म अलीगढ़ में हुआ था। उनके दादा विश्वनाथ सिंह ने यहां ताले का कारोबार शुरू किया था। आगरा रोड स्थित हरी नगर अमर सिंह के पिता हरीश चंद्र सिंह के नाम से बसा हुआ है। आज भी यहां उनके रिश्तेदार रहते हैं। अमर सिंह का पुराना मकान कलकत्ते वाली कोठी के नाम से जाना जाता है। वह सपा की सक्रिय राजनीति में अपने पुराने मकान में आ भी चुके थे। 

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ये है अमर सिंह की दिलचस्प कहानी

एक समय अमर सिंह का सितारा बुलंदियों पर था। राजनीति, कार्पोरेट जगत व बॉलीवुड में गहरी पकड़ और पहचान थी। समाजवादी पार्टी की सरकार में तो उनका दबदबा देखते ही बनता था। मूलरूप से आजमगढ़ के लालगंज तहसील के टरवा गांव के रहने वाले थे। अलीगढ़ तक के सफर की कहानी दिलचस्प है। अमर सिंह के बाबा विश्वनाथ सिंह 1950 के दशक में अलीगढ़ आए थे। आगरा रोड पर केपी इंटर कॉलेज के निकट इनकी कोठी थी। अमर सिंह के पिता हरीश चंद्र सिंह भी उसी दौरान अलीगढ़ आ गए थे। 1956 में अमर सिंह का जन्म कलकत्ते वाली कोठी में हुआ था। यहीं पर उनकी बहन सुधा सिंह  का जन्म हुआ था। डीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. आरएनसिंह बताते हैं कि अमर सिंह के पिता हरीश चंद्र सिंह ने डीएस कॉलेज से पढ़ाई की थी। बाद में हरीश चंद्र सिंह  भी अपने पिता के ताले के कारोबार में लग गए थे। अमर सिंह के रिश्तेदार राजेश प्रताप सिंह बताते हैं कि 1960 के करीब हरीश चंद्र सिंह  परिवार सहित कोलकाता शिफ्ट हो गए थे। मकान अमर सिंह के चाचा दिनेश चंद्र के हिस्से में आया था, जिसे बाद में राजेश प्रताप सिंह ह ने खरीद लिया। वह वर्तमान में उसी में रह रहे हैं। उनका भी अलीगढ़ में ताले का कारोबार है।

अलीगढ़ से था गहरा लगाव 

राजेश बताते हैं कि हरीश चंद्रसिंह ने ताले का कारोबार अलीगढ़ के साथ बनारस, कोलकाता तक फैला लिया था। अमरसिंह ने भी इस कारोबार को ऊंचाइयों तक पहुंचाया था और बड़े उद्योगपति के रूप में स्थापित हो गए थे। अमर सिंह  अपने दादा विश्वनाथ सिंह  से प्रेरित होकर राजनीति में आए थे। 2005 में अमरसिंह  हरीनगर स्थित अपने कलकत्ते वाली कोठी के मकान में आए थे। यहां बातचीत में राजेश प्रताप सिंह से कहा था कि एक करोड़ रुपये कमाना बहुत मुश्किल है, मगर उसे गिनना उतना ही आसान है। प्रोफेसर कॉलोनी निवासी वाईपी सिंह बताते हैं कि अलीगढ़ में अमर सिंह तमाम कार्यक्रमों में शिरकत करने आए थे, उनका यहां से गहरा लगाव था

एथलेटिक्स संघ ने जताया शोक

राज्यसभा सांसद अमर सिंह  के निधन पर जिला एथलेटिक्स संघ ने शोक व्यक्त किया। संघ सचिव शमशाद निसार आजमी ने घर पर ही बकरीद के उल्लास को रोककर शोकसभा की। कहा कि आजमगढ़ में पीजीआइ, मेडिकल कॉलेज अमर सिंह  के प्रयासों की निशानी है। 


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