Happy Deepawali 2019: हर्षोल्लास के साथ मनाई दीपावली,रंगीन रोशनी में नहाया शहर Aligarh news
दीवाली पर्व रविवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। शाम होते ही लक्ष्मी गणेश का विधिविधान के साथ पूजन किया। पूजन के साथ ही आकाश तरह-तरह के धमाकों के साथ पटाखों की रोशनी से नहा गया।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सुख-समृद्धि का प्रतीक दीवाली पर्व रविवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। शाम होते ही लक्ष्मी गणेश का विधिविधान के साथ पूजन किया। पूजन के साथ ही आकाश तरह-तरह के धमाकों के साथ पटाखों की रोशनी से नहा गया। लोगों ने अपने घर व प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगी झालरों से पहले ही सजा लिया था। जैसे-जैसे शाम रात की ओर बढ़ती गई, वैसे-वैसे लोगों ने पटाखे छोड़े। हालांकि सुबह से ही लोगों ने अपने परिचितों को हैप्पी दीपावली के संदेश सोशल मीडिया से देना शुरू कर दिया था।
यह भी जानिए
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या अर्थात दिवाली लक्ष्मी जी का प्राकट्य दिवस है। वह श्रीनारायण के साथ पृथ्वी पर आती हैं। उनके साथ उनका पूरा कुल होता है। यानी समस्त देवी, देवता, ग्रह, नक्षत्र। यही ऐसा पर्व है, जब त्रिदेवियां और त्रिदेव अपने कुल के साथ पृथ्वी पर आते हैं। सबसे अंत में महानिशाकाल में काली कुल आता है। इसलिए इसको सबसे बड़े पर्व की संज्ञा दी गई है। पांच पर्वों की श्रृंखला का यह तीसरा पर्व है। इस अमावस्या को सबसे बड़ी अहोरात्रि कहा गया है।
सावधानी जरूरी
दीपावली पर विशेष तौर से आतिशबाजी को लेकर, जिससे हर साल हादसों में बच्चे-बड़े झुलस जाते हैं। वहीं, ध्वनि और वायु प्रदूषण से सांस-हृदय रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। गलत खानपान भी सेहत बिगाड़ देता है। ऐसे में विशेषज्ञ भी दीपावली को शुभ बनाने के लिए टिप्स दे रहे हैं।
दीये जलाकर मनाएं पर्व
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. रामकिशन ने बताया कि दीवाली रोशनी का पर्व है। घर को दीपों से सजाएं। एक-दूसरे को मिठाई खिलाएं। इस पर्व पर कोई ऐसा कार्य न करें, जो आपके और समाज के हित में न हों। आतिशबाजी का कम इस्तेमाल करें। झुलसे हुए मरीजों के लिए इमरजेंसी में चिकित्सक व स्टाफ की 24 घंटे नियुक्ति रहेगी।
सांस के मरीजों को अटैक का खतरा
दीनदयाल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सिंघल ने बताया कि प्रदूषण से सांस रोगियों की बीमारी बढ़ सकती है। धुएं व पटाखों की तेज आवाज से हृदय रोगियों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे अटैक भी पड़ सकता है। मरीजों की चाहिए कि वह शाम के समय घर में ही रहें। लोग प्रदूषण रहित पटाखे चलाएं तो बेहतर है।
अस्पतालों में व्यवस्था कराने के निर्देश
सीएमओ डॉ.एमएल अग्रवाल ने बताया कि दोनों जिला स्तरीय अस्पताल व सीएचसी पर पीडि़तों की ड्रेसिंग, सफाई दवाइयां व अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अतिरिक्त वार्ड भी आरक्षित रहेंगे। रात्रि के समय डॉक्टर मौजूद हैं। मरीजों को लाने-लेजाने के लिए 102 या 108 एंबुलेंस की मदद ली जा सकती है।
ये भी रखें ख्याल
- कम आवाज व कम मात्रा में आतिशबाजी छोड़ें
- खुली जगह पर ही आतिशबाजी चलाएं।
- आतिशबाजी के स्थान पर पानी की बाल्टी अवश्य रखें।
- पटाखे दागते समय केवल सूती एवं पूरी बांह के कपड़े ही पहनें
- दीयों में शुद्ध सरसों का तेल जलाएं
- दमा के मरीज इन्हेलर पास ही रखें। आतिशबाजी स्थल से दूर रहें
- मरीज खुद साफ-सफाई आदि से बचें। बाहर निकलें तो नाक पर रूमाल रखें
- बच्चों को अकेले आतिशबाजी न चलाने दें
- घर में बर्न क्रीम व अन्य दवाएं जरूर रखें।