Panchayat chunvav : अलीगढ़ में राजनीति के अखाड़े में पति से दो-दो हाथ करने को आतुर आधी आबादी, रिश्तेदार मान मनौव्वल मेंं जुटे Aligarh news
जीवन संगिनी यानी जीवन भर साथ निभाने वाली। हर दुख-सुख का सहारा। एक दूसरी की जीत-हार अपनी मानने के कई उदाहरण नजीर बने हुए हैं। पर राजनीति भी कमाल की है। इसकी चालें चौंका देती हैं। ये किस मोड़ पर ले आए कहा नहीं जा सकता।
अलीगढ़, जेएनएन। जीवन संगिनी, यानी जीवन भर साथ निभाने वाली। हर दुख-सुख का सहारा। एक दूसरी की जीत-हार अपनी मानने के कई उदाहरण नजीर बने हुए हैं। पर, राजनीति भी कमाल की है। इसकी चालें चौंका देती हैं। ये किस मोड़ पर ले आए, कहा नहीं जा सकता। इस शह-मात के खेल में परिवार के सदस्य आमने-सामने कई बार देखे होंगे, लेकिन, पति-पत्नी ही आमने -सामने आ जाएं तो? शायद आप यकीन नहीं करेंगे। पर, ऐसा अलीगढ़ में इस बार हो सकता है। एक दंपती चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। पति मना रहा है, लेकिन पत्नी है कि सुनने को तैयार नहीं। पति इसलिए नहीं मैदान से नहीं हट रहे कि उन्हें भाजपा ने उतारा है, और पत्नी अपनी जिद तोड़ने के लिए राजी नहीं है। रिश्ते-नातेदार तक अब उन्हें मनाने में जुटे हैं। मान गईं तो ठीक, अन्यथा इस तरह का मुकाबला जिले में तो पहली ही बार देखने को मिलेगा।
वार्ड नंबर 13 से हैं दावेदार
दंपती के चुनाव मैदान में होने के चलते चंडौस क्षेत्र का वार्ड नंबर 13 चर्चा में है। भाजपा समर्पित प्रत्याशी दलवीर सिंह मैदान में हैं, उन्होंने नामांकन किया तो उनकी पत्नी ममता ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया है। दलवीर सिंह गांव-गांव जाकर प्रचार कर रहे हैं, वहीं ममता भी अपने लिए वोट मांग रही हैं। दोनों दिन भर अपने समर्थकों के साथ घर-घर घूम रहे हैं।
पत्नी से कर रहा हूं अनुरोध
दलवीर सिंह का कहना है कि पत्नी से लगातार नाम वापस लेने का अनुरोध कर रहा हूं मगर अभी तक वो मानी नहीं है। रिश्तेददारों से भी फोन करा रहा हूं, जिससे वह बैठ जाएं। वह स्वेच्छा से खड़ी हुई हैं। बहरहाल मैं प्रचार पर लगा हुआ हूं। पत्नी के चुनाव में उतरने के बाद घर में भोजन आदि कौन बना रहा है, इस पर दलवीर सिंह ने कहा कि इस समय रोटी-पानी की कोई कमी नहीं है। जहां भी प्रचार में जा रहे हैं, वहीं भोजन मिल जाता है। गांव-गांव में लोग पूछते हैं, इसलिए उसकी चिंता नहीं है।
अभी चल रही है नामांकन प्रक्रिया
जिला पंचायत चुनाव जिले में चौथे चरण में होना है। 29 अप्रैल को मतदान होना है। शनिवार को शुरू हुई नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया रविवार को पूरी हो गई। अब नामांकन पत्रों की जांच और फिर नाम वापसी की प्रक्रिया होनी है। यदि पति-पत्नी दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े तो मुकाबला रोचक होगा। इसकी जिलेभर में चर्चा होने लगी है।
हाथरस के बाद यहां हो सकता है रोचक मुकाबला
हाथरस में बसपा के दिग्गज पूर्व मंत्री व विधायक रामवीर उपाध्याय का परिवार चुनाव को लेकर चर्चा में है। हाथरस के वार्ड नंबर 14 उनकी पत्नी पूर्व सांसद सीमा मैदान में सदस्य पद का चुनाव लड़ रही है।जिनका मुकाबला सगी देवरानी पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय से है। रामवीर व मुकुल कभी दो शरीर एक प्राण माने जाते थे। पिता जैसी भूमिका में रामवीर थे। लेकिन अब दोनों में मनमुटाव चल रहा है। दो साल से दोनों में विवाद है। इसी का नतीजा है कि इस चुनाव में जेठानी व देवरानी आमने -सामने हैं।