स्वरोजगार के अवसर तलाश आत्मनिर्भर बन रही आधी आबादी Aligarh News
कोरोना महामारी ने जहां काम-धंधे छीने वहीं कुछ नया करने के अवसर भी दिए। इन्हीं अवसरों का लाभ उठाकर कई लोग भविष्य संवार रहे हैं। महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। कुछ करने का मौका मिलता है तो महिलाएं पीछे नहीं हटतीं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट में स्वराेजगार के अवसर तलाश कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। पिछले एक साल में जनपद की 200 से अधिक महिलाओं ने अपना रोजगार शुरू किया है। चाहे वह सिलाई-कढ़ाई से जुड़ा हो या डिब्बा बंद खाद्य सामग्री, या फिर खुद की कोचिंग, महिलाओं ने हर क्षेत्र में हाथ आजमा कर आपदा काे अवसर बनाने का प्रयास किया है। मेहनत और लगन से सफलता भी मिली है। कृषि क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं ने नए प्रयोग किए हैं, जिससे आय बढ़े। जैविक खेती और औषधी उत्पादन इन्हीं प्रयोगाें से एक हैं।
महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना
कोरोना महामारी ने जहां काम-धंधे छीने, वहीं कुछ नया करने के अवसर भी दिए। इन्हीं अवसरों का लाभ उठाकर कई लोग भविष्य संवार रहे हैं। महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। कुछ करने का मौका मिलता है तो महिलाएं पीछे नहीं हटतीं। राजकीय फल संरक्षण केंद्र द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमाें में महिलाओं की भागीदारी अधिक रहती है। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं कई महिलाएं फूड प्रोसेसिंग यूनिट चला रही हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत गांव-गांव चलाए जा रहे हैं। शहर की महिलाएं केंद्र पर आकर प्रशिक्षण ले रही हैं। हालांकि, कोरोना संकट अौर चुनाव के चलते फिलहाल प्रशिक्षण नहीं हो रहे। लेकिन जो महिलाएं प्रशिक्षण ले चुकी हैं, उन्होंने अपना काम जमा लिया है। राजकीय फल संरक्षण केंद्र बलवीर सिंह बताते हैं प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने महिलाओं की अधिक दिलचस्पी रही। कई ने यूनिट भी खोल ली है। इस उद्योग में प्रयोग होने वाले मशीनरी उपकरण की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख रुपये अनुदान है। वहीं, स्वराेजगार कर रही महिलाओं के लिए प्रेरणा केंद्र खाेलने की योजना भी है। जनपद में नुमाइश मैदान, मंडी, ब्लॉक कार्यालय और तहसीलों में 25 प्रेरणा केंद्र खोले जाने हैं। यहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं खुद की बनाई दैनिक उपयोग की वस्तुओं को बेच सकेंगी। महिलाओं काे पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मैनेजमेंट के गुर सिखाए जाएंगे।
जैविक खेती कर रहीं महिलाएं
जैविक खेती में भी महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। कोरोना संकट में जैविक उत्पाद की मांग अधिक है। भवीगढ़ की पूनम सिंह, गभाना की लता आदि महिलाएं जैविक खेती करती हैं। गेहूं, धान, सरसों आदि फसलें उनके खेतों में लहलहाती हैं। प्रशासन ने भी धनीपुर मंडी में जैविक उत्पाद बाजार खोलकर किसानों को सहूलियत दे दी है।