अलीगढ़ में गुटखा व जर्दा की कालाबाजारी, शौकीनों से वसूले जा रहे तिगुने दाम
लॉकडाउन के कारण गुटखा मसाला और जर्दा की दुकानों और गोदाम सील है लेकिन फिर भी इस व्यवसाय से जुड़े लोगों और दुकानदारों तक धूमपान के सामान की सप्लाई आसानी से हो रही है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। गुटखा खाने के शौकीन मानसरोवर कॉलोनी के हरीश कुमार तलब लगने पर पड़ोस की दुकान पर पहुंचे और बोले सेठजी एक तानसेन गुटखा दे दो। प्रधान या विमल भी चलेगा। तपाक से दुकानदार ने बोला कि भैया गुटखा नहीं है, स्टॉक खत्म हो गया है। हरीश बोले अरे सेठ जी इनमें से कोई नहीं है तो दूसरा ही कोई ब्रांड दे दो, आज बहुत तलब लगी है। भैया ऊपर से ही माल नहीं आ रहा है। मिल भी रहा है तो काफी महंगा मिल रहा है। चाहिए तो कुछ देर बाद आकर ले जाना मैं बच्चे को भेजकर मंगवाता हूं। तभी देवी नगला के किशन कुमार दुकान पर आए और बोले दो पुडिय़ा दे देना। भैया तानसेन, प्रधान, विमल कोई भी ले लो दस का एक मिलेगा। अरे दे दो भैया, जब खाना ही है तो कीमत क्या देखना। नगला तिकोना स्थित दुकानदार केवल भरोसेमंद ग्राहकों को ही गुटखा और तंबाकू बेच रहा है बाकी अन्य को स्टॉक न होने की बात कहकर लौटा दे रहा है।
हर जगह यही हालात
गुटकखा तंबाकू की बिक्री को लेकर कमोबेश यही हालात शहर से लेकर देहात तक की हर दुकान पर देखने को मिल रहे हैं। राशन की आड़ में किराना की दुकानों पर भी गुटखा धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। पान मसाला बेचने वाले दुकानदार भी खूब ब्लैकखोरी कर रहे हैं।
इस तरह हो रही है कालाबाजारी
नौरंगाबाद के रहने वाले विकास और गांधीनगर के राकेश का कहना है कि पांच रुपये में बिकने वाले तानसेन, प्रधान, विमल आदि ब्रांड के गुटखे सीधे दस से पंद्रह रुपये में बिकने लगे हैं। पच्चीस रुपये में बिकने वाला गुटखा का छोटा पाउच पैंतीस से चालीस रुपये में बिक रहा है। इसी का जीपर पाउच डेढ़ सौ रुपये में बिक रहा है। मसूदाबाद के विनय का कहना है कि सख्ती के चलते थोक कारोबारियों ने सीधे दोगुने, तिगुने, दाम बढ़ा दिए हैं।
अब तक हुई कार्रवाई
- देहलीगेट के महावीर गंज में थोक विक्रेता के यहां बड़ी मात्रा में पकड़ा गया गुटखा, तंबाकू ।
- बन्नादेवी की नई बस्ती में थोक दुकानदार के यहां पकड़ा गया लाखों का गुटखा और तंबाकू।
- गांधीपार्क के छर्रा पुल के पास तो कारोबारी के यहां छापेमारी में मिलल लाखों का गुटखा।
- क्वारसी व जवां क्षेत्र में पकड़ा गया लाखों का गुटखा
राशन की आड़ में बिक्री
राशन की आड़ में किराना की दुकानों पर भी गुटखा धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। पान मसाला बेचने वाले दुकानदार भी खूब ब्लेकखोरी कर रहे हैं। आलम ये है कि इस समय पांच रुपये में बिकने वाले तानसेन, प्रधान, विमल ब्रांड का गुटखा सीधे दस से पंद्रह रुपये में बिकने लगा है। जबकि पच्चीस रुपये में बिकने वाला गुटखा का छोटा पाउच पैंतीस से चालीस रुपये में बिक रहा है। इसी का जीपर पाउच डेढ़ सौ रुपये में बिक रहा है।
सरकार ने दिया था रोक का आदेश
लॉकडाउन के दौरान सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर पान, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन कर जहां-तहां थूकने वालें लोगों पर कड़ी कार्रवाई व इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था। सरकार का मानना है कि सार्वजनिक जगहों पर पान, गुटखा या तंबाकू खाकर थूकने से कोरोना संक्रमण बढऩे का खतरा रहता है। लेकिन शहर से लेकर देहात तक खुलेआम गुटखा बिक रहा है।
खास लोगों को ही मिल रही सप्लाई
लॉकडाउन के कारण गुटखा, मसाला और जर्दा की दुकानों और गोदाम सील है, लेकिन फिर भी इस व्यवसाय से जुड़े लोगों और दुकानदारों तक धूमपान के सामान की सप्लाई आसानी से हो रही है। सूत्रों की मानें तो देर रात से अलसुबह तक बड़े व्यापारी गुटखा-जर्दा की सप्लाई छोटे दुकानदारों को कर रहे हैं। सप्लाई भी केवल खास लोगों के अलावा नियमित बड़े ग्राहकों और पहचान वालों को ही की जा रही है। वह भी मनमाने दामों पर। यही कारण है कि तलबगारों को पांच से दस रुपये में मिलने वाला गुटखे का पाउच 50 -60 व 10 रुपये में मिलने वाला तम्बाकू और जर्दा पाउच 20 से 30 रुपये में बेचा जा रहा है।
ऑन कॉल भी हो रही सप्लाई
गुटखा, जर्दा तम्बाकू की आपूर्ति ऑन कॉल भी की जा रही है। पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए शातिर सप्लायर अपने विश्वास पात्र व्यक्ति को ही आपूर्ति दे रहे हैं। वह भी स्वयं के बताए हुए स्थान पर। जानकारों ने बताया कि लोगों ने लॉकडाउन से पूर्व माल का स्टाक कर लिया था,जो अब चोरी छिपे पांच से आठ गुना दाम पर बेच रहे हैं।
जारी रहेगी कार्रवाई
एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने बताया कि शहर में गुटखा और तंबाकू की बिक्री होने की सूचना पर पुलिस ने एफडीए की टीम के साथ कई गोदाम और दुकानों पर छापेमारी कार्रवाई करते हुए लाखों का माल भी जब्त किया है। आगे भी सूचना मिलने पर इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।