गुरु पूर्णिमा सप्ताह में गुरुजनों को चिढ़ा रहा सरकारी तंत्र, फरमान का विरोध Aligarh news
शनिवार को गुरु पूर्णिमा पर्व पर गुरुजनों को नमन कर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया गया। इसके बाद करीब सात से 10 दिन तक गुरुपूर्णिमा सप्ताह आयोजित होता है। इसमें लोग अपने गुरुजनों को नमन कर उनका सम्मान करते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। शनिवार को गुरु पूर्णिमा पर्व पर गुरुजनों को नमन कर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया गया। इसके बाद करीब सात से 10 दिन तक गुरुपूर्णिमा सप्ताह आयोजित होता है। इसमें लोग अपने गुरुजनों को नमन कर उनका सम्मान करते हैं। मगर सरकारी तंत्र गुरुजनों को चिढ़ा रहा है। पहले गुरुजनों ने सरकारी फरमान के तहत आनलाइन डेटा फीडिंग के काम में सर्वर की अड़चन का हवाला देते हुए विरोध किया तो अब शासन ने एप का नया फंडा निकाल दिया है। इस पर गुरुजनों ने फिर से विरोध के सुर उठा दिए हैं।
कंप्यूटर चलाने में दक्ष नहीं हैं शिक्षक
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की वास्तविक संख्या मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करनी थी। इसके साथ ही डीबीटी योजना के तहत डेटा फीडिंग का काम भी करना था। स्कूलों में शिक्षकों ने इस व्यवस्था का यह कहते हुए विरोध कर दिया कि न शिक्षकों को कंप्यूटर चलाने में दक्षता है और न ही पोर्टल का सर्वर चल रहा है। लिहाजा कंप्यूटर आपरेटर की मांग भी की गई। अब शासन ने सर्वर की दिक्कत को खत्म करते हुए नई एप लांच की है। गूगल प्ले स्टोर से इस एप को डाउनलोड कर आसानी से डेटा फीडिंग का काम शिक्षक कर सकते हैं। मगर शिक्षकों का कहना है कि तमाम शिक्षक एंड्रायड फोन नहीं चला पाते हैं। जो शिक्षक एंड्रायड फोन चला भी लेते हैं वो अपने मोबाइल पर एप क्यों डाउनलोड करें? शासन से इसके लिए लैपटाप देने की व्यवस्था बनाई गई थी, वो तो अब तक मुहैया कराए नहीं गए। उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा ने कहा कि सरकार के तुगलकी फरमानों से शिक्षक परेशान हो चुके हैं। निजी मोबाइल पर कोई भी सरकारी एप को उपयोग करने का शिक्षक संघ विरोध करता है। इसको शिक्षकों पर थोपा गया तो आंदोलन को बाध्य होंगे।
इनका कहना है
बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने कहा कि शिक्षकों को डेटा फीडिंग में सर्वर की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। लिहाजा शासन से एप को लांच किया है। इसके जरिए आसानी से व कम समय में शिक्षक डेटा फीडिंग का काम कर सकते हैं।