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आफलाइन पढ़ने वालों को अनुमति दे सरकार, अटकी आइएएस-पीसीएस की तैयारी Aligarh news

कोरोना संक्रमण बढ़ने का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल तक स्कूल-कालेज व कोचिंग संस्थान बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके विरोध में मंगलवार को कोचिंग संस्थान संचालकों ने बैठक कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का फैसला किया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 05:23 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 05:23 PM (IST)
कोचिंग संस्थान संचालकों ने बैठक कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का फैसला किया।

अलीगढ़, जेएनएन : कोरोना संक्रमण बढ़ने का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल तक स्कूल-कालेज व कोचिंग संस्थान बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके विरोध में मंगलवार को कोचिंग संस्थान संचालकों ने बैठक कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का फैसला किया। मांग की कि जो विद्यार्थी या उनके अभिभावक आफलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने पर सहमत हैं, उनको संस्थान आने की अनुमति दी जानी चाहिए। भले ही 10-15 विद्यार्थियों के छोटे-छोटे बैच में पढ़ाई कराई जाए। वहीं 16 जून को आइएएस व 27 जून को पीसीएस की परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। इनकी तैयारी में जुटे विद्यार्थी भी परेशान हैं, कोचिंग संस्थान जाकर ही बेहतर तैयारी हो पाती है। संस्थान बंद रखने के फरमान से उनकी तैयारी भी अटक गई है। 

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आफलाइन क्लासेस बंद करने से बढ़ी परेशानी

11 अप्रैल को प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश के तहत शिक्षण संस्थानों में बोर्ड व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की आफलाइन क्लासेस बंद करने से सभी शिक्षक, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं अचंभित रह गए हैं। पिछले एक वर्ष से भारी शैक्षिक नुकसान झेल रहे छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक हर कीमत पर अपने बच्चों को आफलाइन क्लासेस ही पढ़वाना चाहते हैं। आनलाइन शिक्षा के दुष्परिणाम पिछले एक वर्ष में वह भुगत चुके हैं। मंगलवार की दोपहर आयोजित हुई बैठक में सभी शिक्षण संस्थानों के डायरेक्टर्स व प्राइवेट टीचर की एकमत यही राय रही कि सख्त प्रोटोकाल के तहत 10 से 15 बच्चों के छोटे समूह में आफलाइन क्लासेज की इजाजत दी जाए। यह कहना था विनीत कोचिंग एंड गाइडेंस सेंटर के निदेशक विनीत शर्मा का। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों के बाद विद्यार्थियों की बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं। लंबे समय तक क्लास बंद रहने के कारण परीक्षाओं की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी बहुत तनाव ग्रस्त हैं। केवल फेस टू फेस क्लासेस में ही अभ्यर्थी गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं।

75 फीसद अभिभावक बच्‍चों को आफ लाइन पढ़ाना चाहते हैं

ज्यादातर शिक्षण संस्थानों में प्राप्त सर्वे के आधार पर 75 फीसद अभिभावक अपने बच्चों को हर कीमत पर आफलाइन ही पढ़ाना चाहते हैं। अन्य जगहों, कार्यक्रम स्थलों, धार्मिक आयोजनों, चुनावी रैलियों एवं सभाओं पर जिस प्रकार से अनियंत्रित भीड़ इकट्ठा रहती है उनके प्रति सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं किया जा रहा है। शिक्षण संस्थान जहां पर कम से कम नियमों का सख्ती से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जा सकता है उन संस्थाओं को बंद करना अत्यंत अव्यावहारिक निर्देश लगता है। इस दौरान ब्रिक्स अकादमी से अरुण कुमार, एक्सीलेंस क्लासेस के रोहित अग्रवाल व राहुल अग्रवाल, स्टेप अप के डायरेक्टर आनंद श्रीवास्तव, सचिन सारस्वत, सुमित कुमार सक्सेना, कैटालिस्ट कोचिंग से विकास गुप्ता, बंसल क्लासेस से डा. रजत प्रताप सिंह, सिनर्जी क्लासेज से पुरुषोत्तम, पाठशाला क्लासेज के अमर वार्ष्णेय, आर्क इंस्टीट्यूट से इंजीनियर केके शर्मा, मैगनस क्लासेज से सुनील सिंह व मनीष तेवतिया और दृष्टि क्लासेस के नरेश राजपूत आदि मौजूद रहे।


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