'उम्मीद के रंग' से मिलेंगी सरकारी स्कूलों को 'प्रेरणा' Aligarh news
सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से शासन की ओर से उम्मीद के रंग नाम से किताब प्रकाशित कराई गई है। इसको प्रेरणा बुक नाम दिया गया है। अब कोरोना काल में सरकारी स्कूल खुलने पर अन्य जिलों में ये प्रेरणा बुक भेजी जाएगी।
अलीगढ़, जेएनएन : सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से शासन की ओर से उम्मीद के रंग नाम से किताब प्रकाशित कराई गई है। इसको प्रेरणा बुक नाम दिया गया है। अब कोरोना काल में सरकारी स्कूल खुलने पर अन्य जिलों में ये प्रेरणा बुक भेजी जाएगी। इसमें स्कूल व शिक्षण गुणवत्ता को सुधारने के लिए किए शिक्षकों के संघर्ष को प्रकाशित किया गया है। अलीगढ़ से पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुझारपुर की विज्ञान शिक्षिका वर्षा श्रीवास्तव की संघर्ष की कहानी चयनित कर प्रकाशित की गई है। अब अलीगढ़ से भी अन्य जिले सीखेंगे कि सरकारी स्कूलों को व वहां शिक्षा गुणवत्ता को कैसे सुधारा जाए?
अगस्त में हुई थी घोषणा
हालांकि इस योजना को अमलीजामा पहनाते हुए अगस्त में ही इसकी घोषणा कर दी गई थी। तब प्रदेशभर से 24 शिक्षकों के संघर्ष की कहानी को चयनित किया गया था। मगर अब इन प्रेरणा बुक का प्रकाशन करा लिया गया है। इनमें उन शिक्षकों के संघर्ष का जिक्र है, जिन्होंने अपने प्रयासों से स्कूल को बेहतर स्थिति में पहुंचाया और स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या व शिक्षा गुणवत्ता को भी बढ़ाया है। इस किताब में 24 जिलों से एक-एक शिक्षक का चयन कर उनकी संघर्ष की कहानी प्रकाशित की गई है।
प्रकाशन का काम पूरा
अलीगढ़ से पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुझारपुर की विज्ञान की शिक्षिका वर्षा श्रीवास्तव का भी प्रदेशस्तर पर हुआ था। बीएसए डाॅ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि, बेसिक शिक्षा विभाग ने टाटा ट्रस्ट के सहयोग से कुछ ऐसे ही शिक्षकों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी के दृष्टिगत उम्मीद के रंग नामक पुस्तक प्रकाशित कराई हैं। कोरोना काल की वजह से एहतियात के तौर पर इस पुस्तक की डिजिटल लांचिंग राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा डाॅ. सतीश चंद्र द्विवेदी व निदेशक बेसिक शिक्षा डॉ. सर्वेंद्र बहादुर सिंह ने 26 अगस्त को कर चुके हैं। बताया कि, इसके लिए चयन समिति ने लेख मांगे थे। करीब पांच हजार लोगों के लेख में से 100 उत्कृष्ट लेखों को चयनित कर शिक्षकों को साक्षात्कार के लिए पिछले वर्ष अगस्त 2019 में बुलाया गया था। इसमेंं वर्षा की कहानी को भी शामिल किया गया। अब इनके प्रकाशन का काम पूरा हो चुका है। स्कूल खुलने पर ये किताबें अन्य जिलों के स्कूलों में पहुंचाई जाएंगी। किसी अन्य जिले में अगर बेहतर काम किया गया है तो उसकी किताब अलीगढ़ में भी आएगी। उसके अनुसार यहां पर भी बेहतर व्यवस्थाएं करने के प्रयास किए जाएंगे। शिक्षिका वर्षा की इस उपलब्धि पर बीएसए ने उनको शुभकामनाएं दीं। कहा कि अन्य शिक्षकों को भी इससे बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।