Aligarh News : मच्छरजनित बीमारियों के पांव में बेड़िया डालेगी सरकार, पढ़ें विस्तृत खबर
ग्राम पंचायत नगर पंचायत नगर पालिका नगर निगम की जिम्मेदारी होगी कि पोर्टल के आधार पर उसी दिन संबंधित क्षेत्र में जाकर लार्वा रोधी दवा का छिड़काव व फागिंग कराए। पिछले दिनों लखनऊ में जिला स्तरीय अधिकारियों की मीटिंग में पूरे प्लान पर चर्चा हो गई है।
अलीगढ़, विनोद भारती। डेंगू, मलेरिया व चिकुन अब बेकाबू नहीं हो पाएगा। शुरुआत में ही इन मच्छरजनित बीमारियों के पांव में बेड़िया डाल दी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। मलेरिया विभाग की टीमें अब लार्वा खोजकर उसकी सूचना सीएस-प्रो पोर्टल पर दर्ज कराएंगी। रेपिड रिस्पांस टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगी। ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम की जिम्मेदारी होगी कि पोर्टल के आधार पर उसी दिन संबंधित क्षेत्र में जाकर लार्वा रोधी दवा का छिड़काव व फागिंग कराए। पिछले दिनों लखनऊ में जिला स्तरीय अधिकारियों की मीटिंग में पूरे प्लान पर चर्चा हो गई है।
रियल टाइम मानीटरिंग
जिला मलेरिया अधिकारी डा. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि नई व्यवस्था रियल टाइम मानीटरिंग व फालोअप पर आधारित है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सीएस-प्रो पोर्टल लांच किया है। जिला मलेरिया अधिकारी व समस्त मलेरिया निरीक्षकों इस पोर्टल से जुड़े रहेंगे। वे दिनांक वार लार्वा की स्थिति की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करेंगे। जिला स्तरीय अस्पतालों के सीएमएस, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक व पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को पोर्टल के माध्यम से अपने क्षेत्र में तुरंत लार्वारोधी क्षेत्रों का पता चल जाएगा। ब्लाक स्तर पर गठित रेपिड रिस्पांस टीम उसी दिन मौके पर पहुंचकर लार्वा रोधी कार्रवाई शुरू कर देंगी।
आशा कर्मी भी करेंगी जांच
समस्त आशा कर्मियों को हर माह कम से कम पांच लोगों की स्लाइड (रक्त पट्टिका) या रेपिड डायग्नोस्टिक किट से जांच करनी होगी। यदि कोई पाजिटिव मरीज निकलता है तो तुरंत संबंधित चिकित्सा इकाई पर जाकर बीसीपीएम से पोर्टल पर उसकी जानकारी दर्ज कराएंगी, ताकि संवेदनशील क्षेत्र में कार्रवाई की जा सके। पांच सदस्यीय रेपिड रिस्पांस टीम (चिकित्सक, फार्मासिस्ट, एलटी, चतुर्थ श्रेणी कर्मी व बीसीपीएम) कैंप लगाकर कार्रवाई करेंगे। जरूरत होने पर सीएचसी से भी टीम पहुंचेगी।
प्रभावी दवा छिड़काव व फागिंग अभियान
डा. कुलश्रेष्ठ के अनुसार अब लार्वारोधी दवा का छिड़काव व फागिंग की जिम्मेदारी मुख्य रूप से नगर निकायों पर होगी। वहीं, ग्राम पंचायतों में प्रधान व एडीओ पंचायत यह कार्रवाई कराएंगे। वे प्रधान फंड से फागिंग मशीन, दवा व अन्य सामग्री खरीद सकेंगे। इस व्यवस्था से मच्छरजनित बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम हो सकेगी। मौसम में बदलाव के साथ ही मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है।
सरकारी आंकड़ों में मरीज
वर्ष, डेंगू रोगी, मलेरिया रोगी
2018,289, 636
2019,1041, 448
2020, 999, 228
2021, 1407, 192
2022, 00, 11
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