अलीगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को नहीं कोराना से कोई डर, जानिए क्या है मामला Aligarh news
कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने सबसे पहले स्वास्थ्य आंगनबाड़ी एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगवाने की सुविधा दी है। हैरानी की बात ये है कि जिस टीके को लेकर दुनियाभर में युद्धस्तर पर कवायद चल रही है।
अलीगढ़, जेएनएन : कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने सबसे पहले स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगवाने की सुविधा दी है। हैरानी की बात ये है कि जिस टीके को लेकर दुनियाभर में युद्धस्तर पर कवायद चल रही है, अलीगढ़ में उस टीके को लगवाने के लिए कर्मचारी ही आगे नहीं आ रहे। पहले चरण के छह सत्रों में मात्र 54.26 फीसद टीकाकरण हुआ। वहीं, दूसरे चरण के पहले दिन 58.03 व दूसरे दिन मात्र 35.64 फीसद टीकाकरण हो पाया। अब अधिकारी परेशान हैं कि करें तो क्या करें? अब इसके कारण तलाशे जा रहे हैं।
पहले चरण की स्थिति
कोविड-19 वायरस से बचाव के लिए एक चरण पूरा हो चुका है। इसमें जनवरी माह में चार दिवसों व फरवरी में दो बार टीकाकरण हुआ। इस तरह छह दिवसों में कुल 17 हजार 434 स्वास्थ्य एवं आंगनबाड़ी कर्मियों को टीका लगवाने के लिए बुलाया गया। इसमें से मात्र 9461 कर्मचारी ही आए। 16 जनवरी को लक्ष्य के सापेक्ष 70.25 फीसद टीकाकरण हुआ। 22 को यह 52.89 फीसद रह गया। कुछ कवायद हुई तो महकमा 28 जनवरी को 67.96 फीसद तक पहुंचा। 29 को कुल टीकाकरण फिर 54.12 फीसद रह गया। चार व पांच फरवरी को बूथ दिवसों में फिर गिरावट दर्ज हुई और टीकाकरण 53.95 व 47.77 फीसद रह गया।
दूसरे चरण की स्थिति
पहले चरण में कम टीकाकरण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन ने आगामी चरणों के लिए कवायद शुरू की। दूसरे चरण के अंतर्गत 11 व 12 फरवरी को टीकाकरण सत्र लगाए गए। इसमें नगर निगम, पुलिस, पीएसी, पंचायती राज, एनआइसी आदि विभागों के कुल 5901 फ्रंटलाइन वर्कर्स को बुलाया गया, आए केवल 2946 ही। पहले दिन कुछ सुधार दिखा और टीकाकरण 58.03 फीसद पहुंचा, मगर दूसरे दिन अब तक की सबसे खराब स्थिति रही। इसमें 2138 लोग बुलाए और 762 (35.64 फीसद) ही आए।
ये है सूरतेहाल
तिथि, बुलाए, आए
16 जनवरी, 400, 281
22 जनवरी, 2450, 1296
28 जनवरी, 3356, 2281
29 जनवरी, 5175, 2801
04 फरवरी, 3186, 1719
05 फरवरी, 2267, 1083
11 फरवरी, 3763, 2184
12 फरवरी, 2138, 762
अधिकारी खुद करा रहे टीकाकरण, फिर भी नहीं सुधार
कर्मचारियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से विभागीय अधिकारी खुद यह टीका लगवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के एडी, सीएमओ, सीएमएस समेत सभी अधिकारियों ने टीके लगवाए तो पुलिस, प्रशासन से कमिश्नर, आइजी, डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम वित्त, एडीएम प्रशासन, एसीएम द्वितीय, समस्त एसडीएम व तहसीलदार आदि टीके लगवा चुके हैं, मगर फिर भी कर्मचारी टीके से बच रहे हैं। इससे अधिकारी भी परेशान हो उठे हैं।
इनका कहना है
ऐसा लगता है कि कर्मचारियों से टीके को लेकर संवाद में कहीं कोई कमी है या फिर उन्हें सूचना नहीं मिल पाई। काफी कर्मियों के मोबाइल नंबर गलत या स्विच आफ पाया गया। सोमवार को डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की बैठक होगी। इसमें 18 फरवरी को प्रस्तावित सत्र को सफल बनाने पर रणनीति पर चर्चा होगी।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ